संधि सन्देश [खंड काव्य ] | Sandhi Sandesh [Khand Kavya]

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Sandhi Sandesh [Khand Kavya] by दामोदर सहाय सिंह - Damodar Sahay Singh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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हू ( न ) कत्तंव्यनिष्ठ और धर्मपरायण श्रद्धालु व्यक्ति हों। आप लगभग समस्त भारत के मुख्य-मुख्य तीथों का पयेंटन कर चुके हू । पुश्तक पढ़ते समय पाठक अपनी-अपनी रुचि के अनुसार अनेक सरस' एवं चितताकर्श्णी उक्तियाँ पावेंगे, और तब सहज ही अनुमान कर सकेंगे कि आपकी रचनाओं में किस हद तक और किस खुबी के साथ स्वाभाविकता, भाव-प्रवणता, शब्द-सौष्ठव एवं माघुयं का. निर्वोष्टि हुआ हू। कई कविताओं में आपकी सुर्चि, भावुकता, रसज्ना सामथिकता और मार्मिकता स्पष्ट झछकती है । मेरा पूर्ण विश्वास है कि कवबिता- श्रेमी सज्जन इसका समुचित सत्कार करेंगे । काली, १९२५ -एचाचाय) शिवपूजन सहाय




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