भारत में शिक्षा [भाग १ ] | Bharat Mein Shiksha Part 1
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
40 MB
कुल पष्ठ :
415
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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यूनेस्को के साथ सहयोग के लिए भारतीय राष्ट्रीय आयोग देश में यूनेस्को के कार्यक्रम में उसके
साथ सहयोग करते रहे। झ्रालोच्य अवधि में दो महत्वपूर्ण यूनेस्को प्रादेशिक संगोण्ठियां हुई
जिनमें भारतीय राष्ट्रीय भ्रायोग श्रौर भारत सरकार ने मेजबान के रूप में काम किया इनमें
से एक संगोष्ठी का सम्बन्ध दक्षिण-पुर्व एशिया में शिक्षा के सुधार से था, श्र दूसरी संगोष्ठी का
विषय था झाधारभूत शिक्षा श्रौर सामदायिक विकास में दृष्य-श्रव्य साधनों का उपयोग । जोधपुर
में केन्द्रीय रुक्ष भूमि अनुसंधान संस्थान की स्थापना यूनेस्को भ्ौर इस देश के बीच निकट सहयोग का
एक शभ्रौर उदाहरण था ।
राज्यों में विकास-काय
विभिन्न राज्यों श्र संघ राज्य क्षेत्रों में शिक्षा के क्षेत्र में जो महत्त्वपूर्ण विकास कार हुए हैं,
उनके बारे में संक्षेप में नीचे बताया गया हैः--
आरन्थ्र प्रदेश
उच्च प्रारम्भिक या उच्च बुनियादी या निम्न माध्यमिक स्तर की पाठ्यचर्या भ्ौर पाठ्य-
विवरण को 7 वर्ष के समेकित पाठ्यक्रम में बदल दिया गया । इसके बाद 4 वर्ष का उच्चतर
माध्यमिक पाठ्यक्रम श्र होगा । विश्वविद्यालय स्तर पर सभी सम्बद्ध कालेजों में तीन वर्ष का
डिग्री पाठ्यक्रम प्रारंभ कर दिया गया ।
ऐस० ऐस० ऐल० सी० परीक्षा में छात्रों के कम संख्या में उत्तीर्ण होने का कारण मालूम करने
के लिए एक समिति बनायी गयी । इस समिति के तीन सदस्य थे । समिति की रिपोर्ट पर सरकार
विचार कर रही थी ।
असाम
अ्रालोच्य वर्ष में जन दिक्षा निदेदाक को शिक्षा विभाग के सचिव के रूप में नियुक्त किया गया ।
वे भ्रपने वर्तमान कार्यों के साथ-साथ सचिव के रूप में भी काम करेंगे ।
सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूल के भझ्रध्यापकों के वेतनमान को बढ़ाकर सरकारी स्कूलों के
अध्यापकों के वेतन-मान के बराबर कर दिया गया । प्रशिक्षित झ्रध्यापकों की कमी को पुरा करने
के लिए जोरहाट के सरकारी बी० टी० कालेज में माध्यमिक स्कूलों के ऐसे श्रध्यापकों के लिए, जो
ग्रेजुएट नहीं है, एक डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किया गया ।
आलोच्य वर्षे में ्रासाम वस्त्रोद्योग संस्थान (आसाम टेक्सटाइल इन्स्टीट्यूट ) की स्थापना
हुई । राज्य में तकनीकी दिक्षा के क्षेत्र में यह एक बहुत बड़ी घटना थी ।
बिहार
... जिन अध्यापकों का वेतन 100 रु० प्रतिमास से कम था, उनके लिए 5 रु० श्रतिरिक्त
महंगाई भत्ता मंजूर किया गया । अवर प्रशिक्षण स्कूलों में प्रशिक्षण की श्रवधि 1 वर्ष से बढ़ाकर
2 वर्ष कर दी गई ।
हरिजन विद्यार्थियों को निःशुल्क शिक्षा देने के लिए तथा गैर-सरकारी हाई स्कलों में पढ़ने वाले
भ्रादिवासी लड़कों से कम दरों पर शिक्षा-शुत्क लेने के लिए 50,000 रु० का भ्रनुदान मंजूर किया
गया । बिहार विद्वविद्यालय के सम्बद्ध कालेजों में विज्ञान की इंटरमीडिएट कक्षाओं में विज्ञान
के अध्ययन के विकास के लिए 72,000 रु० का अनुदान मंजूर किया गया ।
् ही दस
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