सम्पूर्ण गांधी वाडमय भाग - 67 | Sampurn Gandhi Vadmay Bhag - 67
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
15 MB
कुल पष्ठ :
576
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about मोहनदास करमचंद गांधी - Mohandas Karamchand Gandhi ( Mahatma Gandhi )
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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इस खण्डकी सामग्रीके लिए हम निम्नलिखित संस्थाओं, व्यितियों, पत्र-पत्रिकाओं
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संस्थाएं: गांवी स्मारक निधि और संग्रहालय, राष्ट्रीय, अभिलेखागार, नेहरू
स्मारक संग्रह्मालय और पुस्तकालय, नई दिल्ली; सावरमती आश्रम संरक्षक तथा
स्मारक न्यास एवं संग्रहालय, अहमदाबाद, और काशी विद्यापीठ, वाराणसी ।
व्यक्ति: श्रीमती लीलावती आसर, वम्वई; श्रीमती एफ० मेरी बार, कोट्ट-
यिरि; श्री बनारसीछाल बजाज, वाराणसी; श्री वालकृष्ण भावे, उरूलीकांचन;
श्रीमती शारदावहन जी० चोखावाला, सुरत; श्री घनइ्यामदास विड़ला, कलकत्ता;
श्री नारायण देसाई, वारडोली; श्री वालजी गो० देसाई, पुना; श्री कान्तिलाल
गांधी, वम्बई; श्री नारणदास गाँधी, राजकोट; श्री आनन्द तो० हिंगोरानी,
इलाहाबाद; श्री डी० सी० झा, नई दिल्ली; श्रीमती प्रेमावहन कंटक, सासवड़;
श्रीमती लक्ष्मीवहन ना० खरे, अहमदाबाद; श्रीमती मनुबहन एस० मशख्वाला,
वम्बई; श्रीमती चम्पावहन मेहता, वम्बई; मीराबहन, आस्ट्रिया; श्री शान्तिकुमार
मोरारजी, वम्वई; श्री श्रीघरण नैयर, श्रीमती विजयावहन एम० पंचोली, सनोसरा;
श्री मंगलदास पकवासा, वम्बई; श्री पृथ्वीसिंद, लालरू, पंजाब; श्री नारायण जे०
सम्पत्त, अहमदाबाद; श्री ए० आर० सेन, कलकत्ता; श्री मुन्नालाल जी० शाह,
सेवाग्राम; श्रीमती दारदावहन शाह, सुरेन्द्रनगर; श्री इयामजी सुन्दरदास और श्री
सी० ए० तुलपुले, पूना।
पत्र-पत्रिकाएँ : ' अमृवाजार पत्रिका”, “' आर्येन पाथ '; बॉम्बे क्रॉनिकल !,
' हुरिजन '; ' हरिजनवन्धु ', ' हुरिजन-सेवक ', ' हिन्दू ', ' हिन्दुस्तान टाइम्स ' और
* स्टेट्समैन ' ।
पुस्तकें : ' वापूकी छायामें मेरे जीवनके सोलह वर्ष, “ वापूकी विराट
वत्सलता ', ' बापुना वानें पत्रो, ' बापुना पत्रो-२: सरदार वल्लभभाईने ', ' बापुना
पत्रो - ४: सणिवहेन पटेलने, ' बापुना पत्रो - ७: श्री छगनलाल जोशीने', ' वापुनी
प्रसादी ', ' बेसिक नेशनल एज्युकेदन ', ' (ए) बंच ऑफ ओल्ड लेट्स ”; ' मध्य प्रदेश
और गांघीजी ', ' पाँचवें पुत्रको वापुके आशीर्वाद ; ' पशियन मिस्टिक्स', ' पिलप्रिमेज
फॉर पीस' और ' प्रेयसें, प्रेजेज़ एण्ड साम्स ' ।
अनुसन्वान एवं सन्दर्भ-सम्बन्धी सुविवाओंके लिए सुचना एवं प्रसारण मन्त्राछयका
अनुसन्वान और सन्दर्भ विभाग, राष्ट्रीय अमिलेखागार और श्री प्यारेलाल नैयर, नई
दिल्ली हमारे वन्यवाद के पात्र हूँ । प्रलेखोंकी फोटो-नकल तैयार करने में मदद देने के
लिए हम सूचना एवं प्रसारण मन्त्राठयके फोटो-विभाग, नई दिल्ली के आभारी हैं।
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