भारतवर्ष का सरल इतिहास भाग १ | Bharatvarsh Ka Saral Itihas Part -i

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Bharatvarsh Ka Saral Itihas Part -i by ईश्वरी प्रसाद - Ishwari Prasad

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

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नाम - ईश्वरी प्रसाद
जन्म - 29.12.1938,
गाँव - टेरो पाकलमेड़ी, बेड़ो, राँची

परिजन - माता-फगुनी देवी, पिता- दुखी महतो, पत्नी- दुलारी देवी

शिक्षा - मैट्रिक; बालकृष्णा उच्च विद्यालय, राँची, 1952
आई० ए०; संत जेवियर कालेज, रॉची, 1954-1955
बी० ए०; संत कोलम्बस कालेज, हजारीबाग, 1956-1957

व्यवसाय - शिक्षक; बेड़ो उच्च विद्यालय, 1958-1959, सिनी उच्च विद्यालय, 1960
पशुपालन विभाग, चाईबासा, 1961, राँची, 1962-1963 मई 1963 से एच० ई० सी०, 1992 में सहायक प्रबंधक के पद से सेवानिवृत

विशेष योगदान --

राजनीतिक -
• एच० ई० सी० ट्रेड यूनियन में सीटू और एटक का महासचिव
• अंतर्राष्ट्रीय सेमीनार, चेकोस्लोवाकिया में ट्रेड

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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भारतंवफका ईविहास न्लध्याय 39 भूगोल घोर इतिहास का सम्बन्ध भारतब्ष--हमारे देश का नाम भारतव्रप है। यह , प्थ्वी के प्राचीन देशों में से है | श्न्य प्राचीन देश कभी के इस संसार से लुप हो गये परन्तु यह भी तक जीचित है । प्राचीन काल से इसका नाम 'ायोत्रतें अथवा 'आय्या का निवासस्थान था । पुराणों के पढ़ने से पता लगता हैं कि प्राचीन मनुष्यों का खयाल था कि प्रथ्वी पर सात द्वीप हैं । उनमें से एक का नाम जरवूद्वीप है । द्वीप के भिन्न सिन्न भाग 'वघ कहलाते थे । हसारा देश इसी जस्वूदीप का एक दे था । राजा भगत यहाँ राज्य करते थे । इसलिए इसका नाम भारत- वर्ष हुआ । जब मुसलमान इस देश में ये तो बे सिन्धु नदी के इस पार के देश को हिन्दुस्तान कहने लगे। सिन्थु शब्द विगड़कर हिन्दु हो गया श्औौर हिन्दू लोगो के रहने की जगद हिन्दुस्तान 'सथवा हिन्द कहलाने लगा । ंगरेज़ी भाषा में हिन्द का चिगड़कर 'इणड' हो गया और युरोप की जातियाँ इणड देश गे 'डूश्डिया' के नाम से पुकारने लगीं । सुसलमानो ने इसक। नाम श्रपनी ५सतका में




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