भारतेंदु हरिश्चन्द्र | Bhartendu Harishchandra
श्रेणी : जीवनी / Biography
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
16 MB
कुल पष्ठ :
390
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about बाबू शिवनन्दन सहाय - Babu Shivnandan Sahay
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पूवज-गण
हि के सुप्रसिद्ध सहाकषि चा० गोपालचन्द्र उपनाम गिरिघरदास के पुत्र
च्ाघुनिक हिन्दी के जन्मदाता, हिन्दी प्रेमियों के प्रेमाराध्य तथा
पं० प्रतापनारायण जी मिश्र के कथनालुसार “प्रात: स्सरणीय”' गोलोकवासी
भारतेन्दु वा० हृरिचन्द्र जी ने निज उत्तराद्ध सत्तामाल में अपने वंश का
परिचय निम्नलिखित दोहों में दिया है--
वैश्य--थात्र कुल में प्रव ट, बालकृप्ण कुलपाल |
ता सुत्त गिरघर-चरन-रत, वर गिरिधघारी लाक ॥
ध्रमीचंद (दिनके तनय, फतेचंद ता नंद ।
दरषचंद॒ जिनके भए, निज कुज-सागर-चंद ॥
श्री गिरिघर शुरु सेट के; घर सेवा पघराइ ।
तारे निज कुल जीव सब, हरि पद भक्ति इढ़ाई ॥
विनके सुत्त गो पाल सखि, प्रगटित गिरिघर दास ।
कठिन करसगति मेटि जिन, कीनी भक्ति श्रकास ॥
मेरि देव देवी सकज्ष, छोड़ि कठिन कुल रीति ।
थाप्यो गृह में मेस जिन प्रगटि कृष्ण-पढ़ प्रीति ॥
User Reviews
No Reviews | Add Yours...