श्री संकरचर्य १ | Sri Sankaracharyasa 1

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Sri Sankaracharyasa 1 by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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भूतभव्यभवन्नाथ: 49 भूतभावनः 14 भरूतभत्‌ 14 भूतमद्देश्वर: 65 भऋूतात्मा 14 भ्रूतादि: 17 भूतावास: 89 भति: 890 भूरिद्क्षिण: 66 भूभुवः 114 भूभुवस्स्वस्तरु: 117 भूलेक्ष्मी: 114. न्ूराय: 80 भूषण: 80 भिषजं 75 भोक्ता 29, 66, 108 भोजनम्‌ 29 भ्राजेष्णु: 29 म मज्लपरम्‌ 20 मधु: उपर मघुसूदन: 21 मनु: 19 मनोजव: 87 मनोहर: 62 मन्त्र: 43 मरीतचि: 54. महर्घि: 51 महर्षि: 70 महाकमा 55, 97 मद्दाकोडा: 59 /लशालाायलावाफशविकिकननननननलएपकए एप लि एफ लवटलनटए कानावयािविदवािददयाकववयददकददादददावकहवदविद दावदनिदददावविदिददिदददतयाकलटटयडकककनटडडदटकयन०-०-: महाऋतुः 85 महाक्रम: 85 मदाक्ष: 51 महागते: 99 महातपा: 26 मददातजा: 85 मद्दादेव: 65 महायुति: 32 महाद्िश्नक्‌ (त्‌ ) 32 महाघन: 99 महान्‌ 1035 महानिधि: 99 मद्दाबल: 31 महाबुद्धि: 32 महाभूत: 99 महाभोग: 53, 59 महामखः 60 महामना: 72 महदामाय: 31 महामूति: 90 महायजश: 85 मद्दायज्वा 85 महाहः 69 महावराह: 71 महावीये: 32 महादाक्ति: 32 महादान: 46 महादशुष्र: 70 महास्वन: 18 महाहावि: 85 महाह्वद्‌: 93 मद्दीघरः 47, 53




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