आचार्य श्री तुलसी के अमर सन्देश | Acharya Tulsi Ke Amar Sandesh
श्रेणी : साहित्य / Literature

लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
224
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)संघर्ष कंसे मिटे ?
युद कैसे टले ?
ज़बसे में दिल्ली आया हूं; तचसे महीनेमें ३० दिन नहीं तो
छगभग २५ दिन मेरे सामने यद्द प्रभ आया होगा कि यह संघर्ष
केसे मिरे 7 युद्ध कैसे दे ? इसीलिए मेने इस वक्तव्यका शीपक
भी यही रखा है कि संघप केसे मिरटे ?
पँँजी बनाम श्रम
हे कक
आजका संघप पूँजी और श्रमका संघर्ष दे । लोग कहते है
पैजीकां प्रतिनिधि अमेरिका हू. आर श्रसका श्तिनिधि है रूम ।
यह भी जनताकी धारणा दं। मेरी धारणा इससे भिन्न है । मेरा
सिद्धात कुछ और ह । राष्ट्रीय पूँजी संपद भी उतना ही घुरा हे;
जितना व्यक्तिगत ।. आजका अर्धिक 'ढाचा विपमत्तामुलक टू |
यह दृष्टि समाज तक दी सीमित फ्यों ? राष्ट्रों तक फ्यों नहीं
पहुँचती ? जीवन-निर्वाइके ठिए पूँजी भावश्यक होती हु किम्तु
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