रचना प्रक्रिया | Rachana Prakriya

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Rachana Prakriya by ओम अवस्थी - Om Awasthi

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about ओम अवस्थी - Om Awasthi

Add Infomation AboutOm Awasthi

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
अनुभव को तलाशने वाले के लिए जो महत्व इतिहास का होता हैः सवेदत की खोज में सगे हुए ब्यवित के लिए वही महत्व “घटना” का होता है । कारण यह है कि *घटना' एक ऐसी 'दोज हैं जिरे धुरी तरह विविकत कहा जा सकता है। यह हमारे प्रनुभवों में अभिवृद्धि किये बिन, हमारे सवेदतों की बढ़ाती है । इस प्रकार मनुभद (एवस्पीरिएंस ) भ्ौर संवेदन (से सेशन) वस्तु- जगत के प्रति ध्ुवान्तक दिपरीतता के रवेयों को व्यक्त करते हैं ।”” अनु- मवोग्मुखो व्यक्ति निरन्तरता को खोजता है, पा लेता है श्रीर सहभागिता तथा सम्प्रेपणीपता पर बल देता है। मदेदनोग्मुखी य्पवितत तात्कालिक, आत्मकेखित तया श्रब्यास्पेप को तलाश करता है | 'श्नुमव' का संचयन विशेषज्ञ' को पंदा करता है। विशेषज्ञता उसका सचयी उत्पादन है-- सामय्ये है, एक ऐसी योग्यता है जो स्थितियों की परिचित झौर परीक्षित विशेषताओं को जानकर उनसे बरताद करती है । भर संचित अनुभव हो का नाम है ज्ञान 1” -डेसियल जे चुस्टिन ('दि डिक्लाइन झॉफ रेडिकलिस्म' से)




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now