मुद्रा, विनिमय तथा बैंकिंग | Mudra, Vinimay Tatha Banking
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10 MB
कुल पष्ठ :
324
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)श्० मुद्रा, विनिमय तथा बैंकिंग
( क ) जिस प्रकार ग्राहक दूसरों को चेक, विल; इुए्डी
छाडि देते हैं, उसी प्रकार उन्हें भी बहुत से व्यापारी इस
प्रकार के पत्र भगतान में दे देते हैं । इन पत्रों का भुगतान लेने
के लिये मादक को एक बैंक से दूसरे-वेंक, एक स्थान से दूसरे
स्थान पर भटकना पड़ता है. । ्पने आराहकों को इस '्यसुविधा
स चचाने के लिये वेंक उनकी छोर से हुण्डी, चंक च॒झन्य
दूसरे काग्रज़ों का भगतान लेता व देता है ।
(ख) श्राइकों का झादेंश मिलने पर वेंक उनके चदलें
्यायकर) वीमा-शुल्क; संस्थाओं का चन्दा; कम्पनी के झंशों का
समय २ पर दी जाने वाली रकम छादि समय २ पर चुकाते
रहते हैं । ्
(ग) बाइक की छोर से कम्पनियों से लाभांश प्राप्त
करने तथा कम्पनी की छोर से श्राइकों को लाभांश के भगतान
का काये भी वैंक करता है । ऋणुपत्र व बौण्ड का ब्याज तथा
चोनस बैंक कम्पनी व प्राइकों की झोर से देते व लेते
रहते हैं. ।
(घ 9 वैंक झपने म्राइकों को कम्पनियों के ऋणपत्र, शेयर
तथा सरकारी ऋणुपत्र छादि के क्रय-विक्रय से सहायता
करता हू । ,
(ड) वेंक अपने याइकों व इसरे चेँंकों ब्यथवा झन्य
व्यार्थिक संस्थाओं के लिए देश तथा विदेश दोनों में ही पत्र
व्यवहारी तथा प्रतिनिधि के समस्त कार्य करता है ।
(च ) वेक समय २ पर घ्यपने आाहकों के बदले उनका
किराया, पेन्शन, वीमें की राशि छादि लेकर उनके खाते सें
जमा करता रददता दे। ्
सभी वेक उपयुंक्त समस्त कार्य करते हैं. ज्ञो कि
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