मुद्रा, विनिमय तथा बैंकिंग | Mudra, Vinimay Tatha Banking

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Mudra, Vinimay Tatha Banking by आर० के० अग्रवाल - R. K. Agrawal

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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श्० मुद्रा, विनिमय तथा बैंकिंग ( क ) जिस प्रकार ग्राहक दूसरों को चेक, विल; इुए्डी छाडि देते हैं, उसी प्रकार उन्हें भी बहुत से व्यापारी इस प्रकार के पत्र भगतान में दे देते हैं । इन पत्रों का भुगतान लेने के लिये मादक को एक बैंक से दूसरे-वेंक, एक स्थान से दूसरे स्थान पर भटकना पड़ता है. । ्पने आराहकों को इस '्यसुविधा स चचाने के लिये वेंक उनकी छोर से हुण्डी, चंक च॒झन्य दूसरे काग्रज़ों का भगतान लेता व देता है । (ख) श्राइकों का झादेंश मिलने पर वेंक उनके चदलें ्यायकर) वीमा-शुल्क; संस्थाओं का चन्दा; कम्पनी के झंशों का समय २ पर दी जाने वाली रकम छादि समय २ पर चुकाते रहते हैं । ्‌ (ग) बाइक की छोर से कम्पनियों से लाभांश प्राप्त करने तथा कम्पनी की छोर से श्राइकों को लाभांश के भगतान का काये भी वैंक करता है । ऋणुपत्र व बौण्ड का ब्याज तथा चोनस बैंक कम्पनी व प्राइकों की झोर से देते व लेते रहते हैं. । (घ 9 वैंक झपने म्राइकों को कम्पनियों के ऋणपत्र, शेयर तथा सरकारी ऋणुपत्र छादि के क्रय-विक्रय से सहायता करता हू । , (ड) वेंक अपने याइकों व इसरे चेँंकों ब्यथवा झन्य व्यार्थिक संस्थाओं के लिए देश तथा विदेश दोनों में ही पत्र व्यवहारी तथा प्रतिनिधि के समस्त कार्य करता है । (च ) वेक समय २ पर घ्यपने आाहकों के बदले उनका किराया, पेन्शन, वीमें की राशि छादि लेकर उनके खाते सें जमा करता रददता दे। ् सभी वेक उपयुंक्त समस्त कार्य करते हैं. ज्ञो कि




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