जुलूस | Julus
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
775 KB
कुल पष्ठ :
73
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)जुलूस
्रिक्षागृह और रंगमंच एक ही है । बैठने
की सीटें यहां-वहां रख दी गई हैं । उनके
बोच से गोरखधंधे की तरह का चक्कर
खाता हुआ रास्ता । रास्ते के दोनों ओर
दर्शकों के बैठने का स्थान । दर्शकों को
दरवाजे से भीतर लाया जा रहा है,
रास्ते पर घुमाकर उन्हें छोड़ दिया जाता
है-- दर्शकों की जहां इच्छा हो वहां वैठें ।
नाटक के आरंभ होने की घंटी वजती
है। कोरस, जिसमें पांच लड़के (एक से
पांच) एवं एक लड़की (छह) हैं,
साधारण दशकों की भांति आकर
कमरे में तितर-बितर हो जाते है, मानो
बैठने की जगह खोज रहे हों। अचानक
सव बत्तियां बुक जाती हूँ ।]
एक : क्या हुआ ? बत्तियां क्यों बुभ गई ?
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