देविचारित - भाग - १ गरनथानक - १०३ | Devicharit - Part-1 Granthank-103

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Devicharit - Part-1 Granthank-103 by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ही ं विषयाबुकम .. है, ० कि ः ः क | ः्& : '.: उसको युद्ध क्षेत्र में प्रस्यान, श्रत्यंत भीषण-युद्ध जिसमें, ब्रह्माख द्वारा राम, लक्ष्मण सहित सभी युथपतियों का सुच्छित श्रौर. घायल हि होना एवं सड़सठ करोड़ वानरी-सेना का संहार करना... २१४०--९२१९६१ जामवंत की प्रेरणा से जड़ी-बूटियाँ लेने के लिये हनुमान का कलादा पर्वत को प्रस्थान, .जड़ियों सहित पवंतश्दद्भ को लाना तथा उत्तकी ः गंध के- प्रभाव से समस्त वानरी-सेना का स्वस्थ श्रौर सबल॑ होना. २१९४२--२२२८ सुग्रीव की झ्राज्ञा से बानरी-सेना द्वारा लेंका में रात्रि के समय श्राग छंद से छंद्र तक ज्म्रीं लगाना तेथा विध्वंस कार्य में प्रवत्त होना, रावण द्वारा कुंभ, निकूंम को उत्पात-शान्त करने के लिये निंददा देना, भयंकर युद्ध, श्रंत में कुंभकर्ण के दोनों पुत्रों-कूंभ श्रौर निकुंभ का फ़रसदाः सुग्रीव तथा हसुमान द्वारा सहार २९९६--९३.०६ खर के पुत्र मकराक्ष का रावण की 'श्राज्ञा लेकर रण-क्ेत्र में जाना, भीवण-युद्ध करना तथा श्रंत में राम द्वारा उसका संहार २३०७--२३५९ क ि घननाद द्वारा रावण को आइवस्त करना, रावण द्वारा श्रपने हृदय थे थ * की व्यथा का व्यक्त करना तथा श्रंत में सेघनाद का युद्धस्थल पर जाना --भीषण संग्राम करना तथा हनुमान के समक्ष कृत्रिम सीता... /;' का बध करना एवसू ... १३४३े-प१३८७ / हुनुसान का. हतोत्साहू होकर .मागना, हनुमान से सीता-बघ का : संदेश पाकर राम का- विज्ञल होकर सु्धित होना तथा लक्ष्मण का कर ससंभकाना अल ने र२३८६--२३९६७ विभीषण द्वारा - मायावी सेघनाद की साया .सात्र बतलाकर .. राम को श्राइवस्त. करना शरीर यह कहना कि सीता-बघ करना मेघनादं. के .. लिये श्रसम्मच, जिस सीता का वघ हृष्टिगोचर हुप्ना-वह कृत्रिम सीता का बंध होगा-- ... ...... र३£८--२४०४ विभीषण द्वारा रास को यह समाचार देना कि मेघनाद निकभला ः सें देवी-होम कर . रहा है तथा यह परामर्श, देना -कि यज्ञ में विध्न डालकर सेघनाद. का श्रविलंब बंध किया जाय । .. एव०४-२४१५ है लक्ष्मण, ..सुग्रीव, हनुमान श्रादि का ससंन्य निकुभला को प्रस्थान, व «२०. यज्त सें;विघ्त डालना,लक्ष्मण शऔर मेघनाद का भीषण संप्राम तथा




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