लाली लाल जवाहर की | Lali Lal Jawahar Ki

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Lali Lal Jawahar Ki by ब्रजभूषण - Brajbhushan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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बाल सुलभ भोलापन फुल 'ुनते समय काटे जरूर चुभ जाते हैं। -जवाहर लाल नेहरु बच्चे जिसे प्यारे हो उसे बचपना वयो न प्यारा लगेगा । बच्चों के बचपन में रमते-रमते पष्डितजी से बाल सुलमता को अपने में समौ लिया था । और इतना अधिक समो लिया था कि कभी-कभी वे सुद भी वच्चो को तरह मचल उठते थे । यह मचलना उनके मन का भोलापन गौर निप्कलकता ही कही जायेगी । समय, स्थान सौर स्थिति से अनजान केवल अपने मन के मुख्य भाव को स्पष्ट




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