श्री पच्चीस थोकड़ा | Shri Pachchis Thokada
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
226
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)प्योस वोलको थोकड़ो । -र्9
९ इग्यारसें वोले झुणस्यान चवदे-ह मिध्यात्व,
२ सास्वादन, ३ मिश्र, ४ झविरतिसस्यक्टी
४ देशविरति, ६ प्रमेतविरति, - ( प्रभादी ),
७ झपस्तविरति ( अघमादी ); ८ झपूच-
कर ( झनिवृत्तिवादर ); ४ /झनिवृत्तिबादर
( निवृत्तिकण ); १० सूदमसस्पराय,: ११
उपशांतमाहिनोय, १९ चीण ,मोहनीय; :९३
संयागोकेच ली, १४ अयोगी केवली,। शुणस्थान
किसको कहते हैं ? सोह और योगके निमि-
सतसे सम्पग्द्शन, सम्यग्तान आर :नसस्यक-
चारिन्न रुप झात्साके गुणोंको.. तारतस्यरूप
उपवबस्था विशेषका युणस्यान कहते हें ।
९२ वारसे वोले पांच इंद्रियोंका तेवोस विषय--
२४० विकार ।
इन्दियके विपय--
१ श्रातन्द्रियका तीन विपय--१ जोव शब्द,
२ छाजाव शब्द, ३ मिथ शब्द ।
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