रेजगारी का रोजगार [एकांकी संकलन] | Rejgari Ka Rojgaar [Ekanki Sankalan]

Rejgari Ka Rojgaar [Ekanki Sankalan] by विभिन्न लेखक - Various Authors

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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संजप श्राशा संजय श्राशा संजय श्राशा संजय शुक्ला शुक्ला झाशा शुक्ला नम नमन के . बन मसी, गया आप देर से य देंगी, पार्टी है. सम बाज रा फार्म पर फिानिया है, राव जा रहे हैं, में मी जाना चाहता हू, नहा व न ड न नी मम टद द- दयों ....वे लोग बच्द्ध नही है है. . यापका उनके साथ सरों रह : बा हुमा ममी ने मना कर दिया ? : हैं, अब संजय जरूर जाएगा, में सब तेयार होता हूं 1 (अन्दर वाले दरव।ज की तरफ जाता है) : भ्रडया, खाना 1 : (जाते हुए) तुम सा लेना | : ममी नाराज होगी । : (तेज स्वर में) होने दो 1 (ग्रन्दर जाता है) ( दारयी तरफ वाले दरवाजे से थ्री शुक्ला का ज्रागमन कि : संजय, संजय, कहां गया ?. .... (सिगरेट सुलगाता है, सोफे पर वठता है) (आशा का अन्दर से ग्राना) : श्ररे संजय कहां है ? : भ्रन्दर है, तैयार हो रहे है, श्राज राजू के फार्म पर पिकतिक है; वहाँ जा रहे हैं । : उन गधों के साथ, कितनी वार कहा है, गवारों की सोहयत अच्छी नहीं होती । .... अब इसको हॉस्टल मे भेजना ही होगा । वुलाना उसको, .... हूँ, वर्मा का फोन तो नहीं झ्राया था ?




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