रेजगारी का रोजगार [एकांकी संकलन] | Rejgari Ka Rojgaar [Ekanki Sankalan]
श्रेणी : साहित्य / Literature, हिंदी / Hindi
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
129
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)संजप
श्राशा
संजय
श्राशा
संजय
श्राशा
संजय
शुक्ला
शुक्ला
झाशा
शुक्ला
नम
नमन
के
. बन मसी, गया आप देर से य देंगी, पार्टी है. सम बाज रा
फार्म पर फिानिया है, राव जा रहे हैं, में मी जाना चाहता हू, नहा
व न ड न नी मम टद द-
दयों ....वे लोग बच्द्ध नही है है. . यापका उनके साथ सरों रह
: बा हुमा ममी ने मना कर दिया ?
: हैं, अब संजय जरूर जाएगा, में सब तेयार होता हूं 1
(अन्दर वाले दरव।ज की तरफ जाता है)
: भ्रडया, खाना 1
: (जाते हुए) तुम सा लेना |
: ममी नाराज होगी ।
: (तेज स्वर में) होने दो 1
(ग्रन्दर जाता है)
( दारयी तरफ वाले दरवाजे से थ्री शुक्ला का ज्रागमन
कि
: संजय, संजय, कहां गया ?. .... (सिगरेट सुलगाता है, सोफे पर
वठता है)
(आशा का अन्दर से ग्राना)
: श्ररे संजय कहां है ?
: भ्रन्दर है, तैयार हो रहे है, श्राज राजू के फार्म पर पिकतिक है;
वहाँ जा रहे हैं ।
: उन गधों के साथ, कितनी वार कहा है, गवारों की सोहयत अच्छी
नहीं होती । .... अब इसको हॉस्टल मे भेजना ही होगा । वुलाना
उसको, .... हूँ, वर्मा का फोन तो नहीं झ्राया था ?
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