एक अदना मल्लाह की पुकार | Ek Adana Mallaha Ki Pukar
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
38 MB
कुल पष्ठ :
423
श्रेणी :
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लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
कांतिमोहन -Kantimohan
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रिचार्ड हेनरी डाना - Richard Henari Dana
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)| टेदे )
घुलाई रोज की जाती हैं श्रौर इसमे लगभग दो घन्टे लगते है । भ्राज सुकमें इतनी
ताकत भी न रह गयी थी कि में इसमें भाग ले सकू ।
जब घुलाई का काम खत्म हो गया, सफाई हो गयी श्रौर डोरिया झादि समेट
ली गयी तो में डडो पर बैठ गया भ्रौर नाइते के समय बजनें वाली सात घन्टियो
का इन्तजार करने लगा । सुभे इस तरह निशम्मे बैठे देख प्रफसर ने प्रमुख मस्तूल
पर रायल दिखर से लेकर नीचे तक ग्रीज़ लगाने का हुवम दे दिया । उस समय
जहाज काफी हिल-डुल रहा था श्र मेने तीन दिन से कुछ नहीं खाया था, इस-
लिए एक बार तो मेरे मन में झ्राया कि उससे कहूँ कि नाइते के पहले में कुछ कर
सकने की स्थिति में नहीं हूं, लेकिन मुझे मालूम था कि “मुसीबत का सामना कर
के ही उसे जीता जा सकता है”, झ्ौर श्रगर मेने जरा भी ढिलाई या सुस्ती
दिखायी तो में पानी नहीं मायू गा । इसलिए मेंने चुपचाप ग्रीज़ का डब्बा उठाया
प्रौर रायल मस्तुल शिखर पर चढ़ गया । जब श्राप ढेक से मस्तूल पर ऊपर की
भौर चढ़ते हैं तो, लीवर का झालत्र होने के कारण, ऊचाई के भ्रनुपात में जहाज
का हिलना भी झ्धघिक होता जाता है । इन जोरदार भटकों ध्रौर मेरी बदमिजाज़ी
को शाह देती हुई ग्रीज़ की बदबू ने मेरा पेट फिर से खराब कर दिया, श्रौर जब
में डेक के भ्रपेक्षाकृत समतल भाग पर भरा गया तब मेरी जान में जान श्रायी ।
कुछ ही देर बाद सात घन्टियाँ बजी, लाग लगा दिया गया, पहुरा नियुक्त कर
दिया गया ध्ौर हम नाश्ता करने गये
यहा मुझे अपने सीघे-सादे श्रफ़ीकी रसोइए की सलाह याद शझाती है ।
“'ब”, उसने कहा, “छोकरे तुम्हारे १८ की श्रच्छी तरह सफाई हो गयी है,
किनारे की गन्दगी का एक कण भी तुम्हारे श्रन्दर नहीं रह गया है । श्रब तुम्हे
नया रास्ता थकडना चाहिए--प्रपनी सारी मिठाई समुद्र में फेंक दो श्रौर समुद्री
रोटी थ उम्दा नमकीन बीफ के अलावा कोई चीज मत खाद्ो, श्रौर में कसम से
कहता हूं हाने पहुँचने के पहले ही तुम्हारी ये पसलियाँ दीखनी बन्द हो जायेंगी
ब्रौर तुम भी दूसरे मल्लाहों की तरह हट्टे-कट्टे हो जाझोगे । जब यात्रियों को
समुद्री बीमारी हो जाय श्रोर ने बढ़िया-बढिया' पकवानों श्रादि की बात करें तो
उन्हें भी यहीं राय देती चाहिए ।”*
झाधा पाउन्ड नमकीन बीफ श्ौर एकाघ बिस्कुट पर निर्भर रहने से मेरे
अन्दर जो परिवतंन श्राया उसका चलन करना मेरे लिए कठिन है । मेरी को काया
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