वंशभास्कर में की बुधसिंहचरित्र | Vanshbhaskar Me Ki Budhsingh Charitra

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Vanshbhaskar Mein Ki Budhsingh Charitr by सूर्यमल्ल मिश्रा Suryamall mishra

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about सूर्यमल्ल मिश्रा Suryamall mishra

Add Infomation AboutSuryamall mishra

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
हा +॥ र॥घुरप०। कर निचलियमगरूंपत। धमधर्मकिमउबति | बजतच्छतलादिवकंषत। तमतरि गजराजसुदिसुरपथणरकारता!सवण विभखननंगेचिरविशेनिविगारत। जॉने तबिहितरुस्लारमतनममतवीरचिरुरन लिय।बुरधर्सिहविदितबुंदियरुपत्तिसीजे पालुनदुझरचलिय॥। ९५दे।०॥। डुल्लिषि दितक्विवियुधलियंधसुरचारनभड़ त्यागउमंगर्धरि।्यमाज्ूठउूलिछुडु २॥सेवकजातिसिशेहिया। ारू्यो दम ताप॥उदयंनैरममहेयसुएलैनस्यूलु संगव्याप॥ ३० काबेशतापूथर कबडूपचतकुलभटउदेपुर। राजसिंह जहर । द 4 पम न ननणणणणटबय आवक नाना थालतल्‍यल्‍एल्‍एल्‍तयएयएतए।तएइएएएएएयनजट थे नए. लवण नाल «नाग ीट मन




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now