विकल मीरा | Vikal Meera
श्रेणी : धार्मिक / Religious, हिंदू - Hinduism
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
96
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)चविक्रल मीरा
(६)
बस उसी दिन से, प्रभाव कुछ ऐसा पढ़ा,
मोहन को / मीरा कसी, दूर न हटाती थी |
इतनी थी भोली माली, क्षण ही में भूल जाती,
कितनी ही बार भोग, श्याम की लगाती थी 1!
मानमानी / जब चाहे, श्रारती उतारा करे;
खेलती थी खेल कमी, नाचती थी याती थी 1
पविकल” बनाती मीरा, बचा सनसोहन को,
नवल नवेली श्राप, बनी बन जाती थी ॥
(१०)
इसी भाँति बाल क्रीड़ा, करती समोद रही,
बीत गया खेल खेल ही में, मोला बालपन |
चौंक चौंक चंचल, चकित चिते चारु चित्र,
्रपने को 'ाप ही / लुसाने लगी चितवन ॥
राई तरुणाई की / बयार, बिर '्राये भव्य,
कंजरारी '्रखियाँ में, कजरारे श्याम घन |
बज उठी / आप हृदय वीणा , '्रनायास तब,
नाच उठा मीरा का, न जाने क्यों 'विकल” सन ॥
( सत्तरह )
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