रवीन्द्र साहित्य और समीक्षा | Ravindra Sahity Aur Samiksha

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Ravindra Sahity Aur Samiksha by अवध प्रसाद - Avadh Prasad

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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प्रकाश कीय राष्ट्रभाषा हिन्दी के उत्नायक-क्ेत्र के प्रगतिशील लेखक पं० अवध प्रसाद वाजपेयीजी ने जिस गम्भीर चिन्तन-मनत एवं अध्ययन-शीलता का पुस्तक में अपसी लेखनी द्वारा दिग्द- शंस कराया हैं उससे पाठक वृन्द तो प्रसन्न व दृप्त होंगे ही, सें सतः 'जन-गण-मन अधिनायक' व “न्यास कवीर व उनकी भागवत रति' इन दोनों लेखों को सुनकर ही इतना प्रभावित हुआ कि इस पुस्तक के प्रकाशन करने का संकल्प कर बैठा । और श्आाज उसे संयोग चश पुश्तकाकार रूप में छाप सबके सम्मुख उपस्थित करते हुये मुक्त झपार हर्ष है । इस पुस्तक के भूमिका लेखक व दो शब्द देकर पुस्तक के सददत्व को बढाने में हमारे मनीपिझ्ाचार्यों ने जो भी सहयोग हमे दिया है हम उन सबके कृतज्ञ हैं, तथा जनता जनादंन के सम्मुख पुस्तकाकार रूप में उपस्थित करते हुये हमें यह कहने मे संकोच नहीं होता कि बंगला ही नहीं अन्ताराष्ट्रीय झंगरेजी भाषा के कवीन्द्र गुरुदेव की कला कृतियोंको दिन्दी साहित्य में प्रकाशित करने मे हमें झात्म शान्ति का अनुभव हुआ । यदि हमारे इस प्रयास का समुचित आदर होता हे तो से अपन को घन्य समझूंगा | गज्जा मसाद शुक्र




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