आधुनिक आर्थिक सिद्धान्त | Adhunik Arthik Siddhant
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
47 MB
कुल पष्ठ :
368
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about धर्मेन्द्र सिंह कुशवाहा - Dharmendra Singh Kushawaha
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अध्याय १
टी च्श्
अथशास्त्र क्या है
(सघप' हुई छ00र०0105 ?)
अर्थशास्त्र की परिभाषा
मान लीजिये आप विद्वविद्यालय में किसी विद्यार्थी का पता लगाना चाहते हैं ।
केवल इतना कह कर कि वह विश्वविद्यालय के छात्र हैं आप उन्हें नहीं पा सकते ।
विश्वविद्यालय के छः हजार विद्यार्ियों में उन्हें द्ढ़ निकालना लगभग असम्भव है।.
इसके लिये कुछ अधिक हवाला देना पड़ेगा । इतना और जान लेने पर कि वह बी ०
ए० प्रथम वर्ष में अथंश्ास्त्र के विद्यार्थी हैँ, उन्हें ढू ढने का कार्य कुछ सरल अवश्य
हो जाता है मगर पूरा नहीं होता । अब उन्हें अथंशास्त्र के प्रथमव्ष के छः सौ विद्या-
थियों में ढू ढना पड़ेगा । इसके अतिरिक्त जब यह भी मालूम हो जाता है कि वह
सेक्सन 'ब. के विद्यार्थी हैं तथा उनके वकल्पिक विषय अमुक हैं, तब उन्हें सरलता
से ढूढ़ा था पहचाना जा सकता है । विद्यार्थियों के समूह में एक विद्यार्थी को जानने,
ढूढ़ निकालने के लिये हमें पूर्ण हवाला देना पड़ता है ।
ठीक इसी प्रकार ज्ञान राशि अपार है । तके, गणित, रसायन आदि अनेक शास्त्र
उसमें समाहित हैं । इस ज्ञान राशि में से अथंशास्त्र को ढूंढ लेना--यहू जान लेना
कि अथंशास्त्र क्या है--एक सरल कार्य नहीं है । इसके लिये हमें उपयु क्त उदाहरण
की तरह पूरा हवाला देना पड़ेगा--उसकी सारी विशेषतायें एक साथ बतानी होंगी,
तभी अथंशास्त्र की एक उचित परिभाषा सम्भव हो सकेगी । संयोगवश अथंशास्त्र
की परिभाषा का इतिहास उपयुक्त उदाहरण से मिलता जुलता है । अथेशास्त्र की
प्रारम्भिक परिभाषा से लेकर अब तक उसमें जो परिमाजंन और परिशोधन हुआ है
मोटे तौर पर हम उसे विकास की तीन श्रेणियों के रूप में देख सकते .हैं 3.
अर्थशास्त्र की परिभाषा का पहला रूप (80 8प्तप6) एडम स्मिथ तथा
. उनके अनुयाइयों ने प्रस्तुत किया । यह लोग अथंशास्त्र को घन का विज्ञान मानते हैं.
एंडम स्मिथ के सुप्रसिद्ध ग्रन्थ के शीपक “वल्थ आव नेशन्स (6४100 0 स2घ००३)
हो यह ध्वनि निकलती है, ग्रन्थ का अवलोकन इसकी पुष्टि करता है, कि अथशास्त्र
धन का विज्ञान है । प्रदन यह है कि यह परिभाषा अथंशास्त्र के पहचानने, अथंशास्त्र
क्या है, यह ठीक प्रकार से जानने में, हमारी कहाँ तक मदद करती है । इस हृष्टि-
कोण से इसमें मुस्यतया सीन कमी हैं । एक तो यह कि इस परिभाषा के अनुसार
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