श्री ज्ञानेश्वर चरित्र | Shree Gyaneshwar Charitra
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11 MB
कुल पष्ठ :
362
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)श्रीज्ानेश्वरकालीन महाराध्र दे
सम्प्रदायका जयजयकार सम्पूर्ण महाराष्ट्रेमें होने ढगा उस भागवंत-
धर्म-सम्प्रदायका किश्चित् अवलोकन करना भी उचित ही होगा ।
इस प्रकार ज्ञानेशखर महाराजके समय राजनीति, विद्या और. धर्ममें
मह्दाराट्र कितना उन्नत हो रहा था यह एक वार विहज्ञम-दृष्टिसे
देख लें । ज्ञानेश्वरका समय महाराष्ट्रके इतिहासका सुवर्ण-युग है ।
(१) राजा ओर राज्यविस्तार
( देवगिरिके यादव-राजा )
१-मिछम ( संवत्, १९४४-१२४८ )
२-जैतुगी उर्फ जैन्रपाठ ( संवत् १९४८--१२६७ )
३-सिंघण ( संवत् डर ३०४)
४-जैतुगी उर्फ जैन्नपार
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'५-कृष्णदेव उफ कन्हर .. प-महादेव
( संवत् १३०४--१३१७) ':. (संवत् १३१७-१३२८
७-रामचन्द्र उफे रामदेवराव
( सबत् १३२९८--१२३६६ )
८-दाइरदेव
( संबत_ १ कद १३६९ )
् ९-दहरपाठ ( जामाता
संवत् १३७७५ में मारे गये ।
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