भरी दुछ यात्रा Ac 827 | Bhari Duchh Yatra Ac 827
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
363
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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यया, उन्छना! गानठ गाभडे वियरवालु धर्यु, घायु' घाछु न्शुनाओु', न्वेवावु'
खने जचुनववावुं भल्यु, अनीन सने सर्वायीन घविडास। वायषान। भय,
बतभान . धंतिडास सेणडोधी घगी साभभी भणी, भानव रनावन!
कघारे गवुसे थया निरुधनी छत श्रीनन्ताईना इशन धयां, श्रीमन्ताई
छत्ती इपभुत्ताना से पु न्ेवाया, सुद्धिनिताणों छत बक्षेशेना' वावेतर
नेचाया , सुभसाघनों छै।वा। छत भेनत-भन्दूरी ना” 6 त्साछे। नेचया, नछने।
गाव गनेड चिन-वियिन सवुभवानुं ाकणन सन्त भारी था. डिर्छ यान,
भानव भानभा' जुशु जवजुर रखेवा छे, मवुष्य पाते नसभसुतावुं पूतछ'
छ़ सावी खबरथाना' पु बर्तुनुं शालुणन ते ते बुमनारनी दष्टियी ०४
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इष्टिये नोनारा खेधी 5४ बघारे अथवा बंध रद पु मेणपी शा. बणनारनी
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साक्षर मित्र भाडिती लादीया छात्रावयरना| गपति श्रीयुत उट्याराय।ध
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