पिछड़ी प्रभु कुर्मि क्षत्रिय जाति पर दूरदर्शन के प्रभाव का समाजशास्त्रीय अध्ययन | Pichhadi Prabhu Kurmi Kshatriy Jati Par Durdarshan Ke Prabhav Ka Samajashastriy Adhyayan

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Pichhadi Prabhu Kurmi Kshatriy Jati Par Durdarshan Ke Prabhav Ka Samajashastriy Adhyayan by अर्चना सिंह - Archana Singh

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about अर्चना सिंह - Archana Singh

Add Infomation AboutArchana Singh

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
इस भाँति प्रभु जाति अपने प्रभाव क्षेत्रों में रहने वाली विभिन्‍न जातियों के बीच संरचनात्मक दूरी बनाए रखती थीं। उनके द्वारा बनाए और लागू किए जाने वाले नियमों में बहुत से स्थानीय होते थे। पर कुछ नियम जैसे नीच जातियों द्वारा यज्ञोपतीय धारण करने का निषेध-महान परम्परा के नियम होते थे। किन्तु यह सम्भव था कि उन क्षेत्रो में जहाँ किसान जातियों को असंदिग्ध प्रभुता प्राप्त है उनका महान परम्परा का ज्ञान कामचलाऊ ही है, पारम्परिक व्यवस्था में महान परम्परा का प्रबन्ध करके पुरोहित केवल उच्च जातियों का ही काम करे, सांस्कृतिक सीमाओं के उल्लंघन की रोक होती थी। यह बात समझ में आती है पुरोहित की प्रभु जाति और अपने जाति भाइयों की भावनाओं का बड़ा आदर करते थे।' किसी प्रभु जाति का कार्य केवल बहुलवादी संस्कृति के संरक्षक होने तक ही सीमित न था। वह निम्न जातियों में प्रभु जाति की अपनी प्रतिष्ठादायक जीवन शैली का अनुकरण करने की इच्छा भी जगाती है। निम्न जातियों को यह काम घुमा फिरा कर करना पड़ता धा- जल्दबाजी करने से तुरन्त दण्ड मिलने का डर रहता था। वे ऐसी बातों के अनुकरण से बचती थी। जिनसे प्रभु जाति को अधिक रोष हो और अपने लक्ष्य की ओर धीरे-धीरे एक-एक कदम बढ़ने में सफलता की संभावना अधिक रहती थी। ग्रामीण भारत के अधिकांश भागों में ऐसी भू-स्वामी किसान जातियाँ मौजूद हैं, जिन्हें या तो असंदिग्ध प्रभुता प्राप्त है, या वे शूद्र, क्षत्रिय या ब्राह्मणों में से किसी अन्य प्रभुता में साझीदार हैं। स्वाधीन भारत में जो परिवर्तन हुए हैं, वे सामान्यतः. 'गिराकर बढ़ी। कृषि अविष्कारक भूमि. लिए ही क्षेत्रपति, भूमिपति वाले उस महत्वपूर्ण कृषि करता के कुरमी कुन्भू (जैसे कुमण्डल , भूपति, भूस्वामी आदि सम्मानसूचक अर्थात्‌ भू में रमण करने वाली उस प्राचीनतम




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now