आर्यन का समकालिक अध्ययन | The Synchronic Study Of Aryan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
16 MB
कुल पष्ठ :
204
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)मैं रन यदी है जा पाश्चिस से पुर्व की आए जाती हे | यरु तरल जत्तं एक
जौए उपण की दुष्ट रे महत्वपण है, दूरूति और बनिज पदार्शकी पुर्णता
तथा जनजातियाँ के निवास के बाएण मी जी विभिन्न सास्कतिक वातावरण
उपस्थित करती हैं |
दुद्ी :- यह जिले की द्ाणी तहसील है जिश्के पुर्व से 'विहा स्व दधिण
से पच्यप्रदेश शाज्श की सीसाए प्रारम्स ही जाती हैं । तमिल का' प्र प्रतिशत
मार जंगल, पहाडियाँ ,नविरी ता उरी सलाओों से उब्य हुआ है | जैसा कि
उनाहिय शिरर्मम वे लिखा था कि रहा के लॉग जानवर की तह हैं, बेसी
स्थिति आज नहीं उक्त गई है । प्रसिद्ध जलविधुत केन्ड फिहण्ठ स्व बषरा तथा
डिन्द अल्मसुमिर्प कारपौरैशन जैसे आधी शिक कैन्द के कारण राह समसासािक
सम्यता तथा प्राचीन सम्यता दौनों के रुप साथ पाए लाते हैं । राक्ता अधिकांश
आदिवासी जातिरीं का निवास है जिनमें लुक आज थी बस ता अधननी हैं|
सास्वतिक दुष्ट से यत्त चौज बहुत ही महत्वपुर्ण है |
यातायात की दुष्ट से मिर्जापुर रलिला हाबह़ा-बास्थे,या हावढ़ा-दिस्खी
रैलवे लाहन पा कसा है | तलसल सिलापुर तथा जुनार में यालाणत की
सुधा पहले से रही है । तश्सील राबर्ट्सगज शव दुदी में घी शिक विकास कोगे
के कारण साधारणा सुविधा अवश्य हों सह है |
मिर्जापुर के सभी प्रमुख स्थान जैसे सिर्जापुर ,ँच स्ाचछ ,लाखुभल, लता 1,
चुना ,ए7्टसगल, चुर्क,शुर मा ,अवाए, हाला ,दुद्धी , पिपरी हस्थादि जी जिले से
रक आर से दूसरी वीर फैले हुए हैं, रा तो रल भार्ग शा एराजयान दे जुट
_ हैँ | मै स्थान था तो ख्यापापििक या राजनैतिक कैस्ड हैं या अँघी शिक ।
'मिजांपुर जिछा सांस्कृतिक दृष्टि से अपना विशेष महत्व रखता है |
हरा के पास लि छुर कुदाई के सामान, तथा थ कैमूर पर्वत शुंललावों में बने
हुए प्राचीन सुहाचित्र( 0८०८ ००००८ ) जरा हसकी प्राचीनता का पािचय फ्रान
करते हैं बी दूसरी बीए जि के विभिन्न सुबानों थे फैली हुई चिशिस्न जातियों
क परंपरा की बीचित रसे हैं सके था मे चिदातों मे तरह लक के अनुबान “ * '
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