सिकंदर शाह | Sikandar Shaah

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Sikandar Shaah by पं. चंद्रशेखर पाठक - Pt. Chandrashekhar Pathak

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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[ ड |] सिकन्द्रने भारतमें राजतंत्र और प्रजातंत्र दोनों प्रक्नारका ही शासन देखा था और ग्रीक लेखकॉंके कथनानुसार मालूम होता है, कि इन दोनों प्रकारके शासनोंमें भारतने उत्कर्ण लाभ किया था | उस समय पंचायत-प्रथा प्रचलित थी आर राज्ञा अपने कत्तंव्यको पालन करते थे । ययपि आज भर उस समयमें बड़ा गमन्तर पड़ गया है, तथापि भाशा है, कि पाठकगण इसे पढ़कर कुछ उपदेश ग्रहण करेंगे । उपयुक्त ऐतिहासिकोंके अतिरिक्त इस पुस्तकके प्रणयनमें विन्सेण्ट स्मिथ लिखित ( .165871- छा 5 (घणाफृणाएाा ) तथा पं० सत्यचरण शास्त्री लिखित “भारते अलिकसन्दर'” से बहुत अधिक सहायता मिली है । अतः हम इनके साथ-ही-साथ अन्यान्य उन ऐतिहासिकॉंके भी अत्यन्त कृतश्न हैं, जिनके प्रस्तुत किये हुए पथकों अनुसरण कर ही आज दम यह ग्रन्थ हिन्दी पाठकॉंकी सेवामें अपंण कर सके हैं । इसमें भूलें कितने ही प्रकारकी तथा अनेकानेक होंगी तथापि बाशा है, कि सइ्दद्य पाठक तथा उदार-हृद्य समालोचकगण बनके लिये क्षमा तथा यथासमय सूचित करनेका कष्ट उठाकद याधित करगे । भवदोय-- चन्द्रशेखर पाठक ।




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