तुम्हारे 'पार्कर' की देन तुम्ही को सप्रेम | Thumhare Parkar Ki Den Thummhi Ko Sprem

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Thumhare Parkar Ki Den Thummhi Ko Sprem by यादवचंद्र जैन - Yadav Chandra Jain

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about यादवचंद्र जैन - Yadav Chandra Jain

Add Infomation AboutYadav Chandra Jain

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
(१४ ) वह स्वस्थ होने लगा । उसका वजन भी बढा श्रौर वदद कुछ दूर घूमने- फिरने भी लगा | पहाड पर रहकर एकान्त में वह बहुत कुछ सोचता, ऊबता पर तार भी प्रसन्ननब्दके की चेष्टा करता । दिन में दो-चार बार दवा, हलका- फुलका भोजन, तीत्र ज्वर में चुपचाप पलक बन्द किये पडे रहना, ज्वर कम होने पर उसी चमकती सडक पर कुछ घूम झ्राना, यही क्रम प्रारम्भ में हफ्तों क्या महीनों चला । तदनन्तर धीरे-घीरे ठीक होने पर बह भी लबादे-सा लदा, एक बेत थिकटिकाता कुछ दूर कभी ऊपर की ओर श्रौर कभी ढाल की ओर टहलने लगा । इतने पर भी शरीर से वह बडा दुबला-पतला था । शारीरिक और मानसिक वेदना उसमे कुछ भी हो, स्वभाव से वह बडा हँसोड श्रौर मघुरभाषी था श्र ऊपर से सदैव प्रसन्न रहता था । वातालाप में वद्द जयन्त से कभी उसके प्रश्न के उत्तर में कहता, जयन्त, मैं तुम्हारे इस प्रश्न का कया उत्तर दूँ कि मै सदैव इतना प्रसन्न किस प्रकार रहता हूँ १ इस कठिन रोग में भी मैं श्रौर रोगियों की भा ति गुमसुम नहीं रहता । नीरस नहीं रहता । केवल इसलिये कि मे जीवन न्वाहता हूँ । ससार के बीच में झपने श्राप को परखना चाहता हूँ । मै अपनी झ्खों सब कुछ, बहुत कुछ देखना चाहता हूँ । में श्रपने श्रस्त की अभिलाषा कर बैठा था, अब से कुछ काल पृ परन्तु श्रब मै रत के छोर से दूर रहना चाहता हूँ , बहुत दूर । भे सब के बीच रहकर भी देखना चाहता हूँ कि अपनी मूक-साधना सम्पन्न कर सकता हूँ श्रथवा नहीं । मै देखना चाहता हूँ कि मेरे इस नीर-गु जन में कब किस दिशा से प्रतिध्वसि आती है | आती भी है या नहीं । देंखू' प्रतिथ्वनि न पाकर मै कदाचित्‌ विच- लित तो नदी होता ? और मैं रहना भी चाहता हूँ मूक, निश्चल, श्रात्म- विद्वल, सबधा श्रात्म-विभोर । सुम्के ज्ञात है समय मेरा साथ नहीं देगा | वह किसी का साथ नही देता । मेरा वातावरण मेरा साथ न देगा | संभव है मेरी अपनी पुकार ही मेरा साथ न दें परन्तु मेरा यह झात्म-




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now