प्रद्युम्नकुमारचरित | Pradyumna Kumar Charit
श्रेणी : संदर्भ पुस्तक / Reference book
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
324
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)हट थी वीतरागाय मम: टूर
कर
प्रयुम्नकुमारचारित
(पुण्यकल्पद्ूम)
प्रथम स्कल्ध
मेगलाचरण
बनलवीना-दीसकिलकिकीीकीाणा
सकल कुशल-दाता प्रभो 1! नमूं चरण चित्त धार ।
जय जय श्रीजिनदेवजी, मंगल-मुद करतार ॥१॥
अरिहूंत सिद्ध आचायेंजी, उपाध्याय सब साध ।
लब्घिनिधि गौतम प्रभो ! दीजे सौख्य-समाध ॥1२॥।
श्री गुरु दाता ज्ञान के, तारण-तरण जहाज ।
भाव-तिमिर मेरो हरयो, प्रणमूं तेहना फाय ॥३॥।
मां श्रुतदेवी कर दया, दीज सन्मति सार ।
मम इच्छा परिपूर्ण कर, करूं पूर्ण अधिकार ॥४॥।
एममणकाणणणताणा
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