डा॰ आइन्स्टीन और ब्रह्माण्ड | Dr Ainstin Aur Brahmand
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
130
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)दी
जि बातों ने भौतिक विज्ञानवेत्ताओं को यंत्रवत् ब्रहमाण्ड के शांतिपूर्ण संचा-
लन में अविदवास करने को सर्वप्रथम बाध्य किया, उनका सम्बन्ध ज्ञान
के आंतरिक और बाहथ क्षितिजों से- परमाणु के अदृष्ट क्षेत्र और अन्तर्ब्हमाण्ड
की अतल गहराइयों से- था। इन विषयों की परिमाणात्मक रूप से व्याख्या
करने के लिए सन् १९०० से १९२७ के बीच दो बड़ी सैद्धान्तिक प्रणालियों
उत्पन्न हुईं। इनमें से एक, प्रमात्रा-सिद्धान्त (0080प्र00 60१५) था,
जिसका सम्बन्ध पदार्थ और शक्ति की बुनियादी इकाइयों से था। दूसरा
सिद्धान्त था सापेक्षवाद (1२८18घंशा४ ) , जिसका सम्बन्ध दिक, काल और एक
सम्पूर्ण इकाई के रूप में ब्रहमाण्ड की बनावट से था।
ये दोनों ही आज आधुनिक भौतिक विज्ञान-सम्बन्धी विचारधारा के
स्वीकृत मुख्याघार हैं। ये अपने-अपने क्षेत्र में घटनाओं के सुदृढ़ और गणित-
श
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