रूस में पच्चीस मास | Russia Mein Pachchees Maas

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Book Image : रूस में पच्चीस मास - Russia Mein Pachchees Maas

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ईरान में द््प पड़ती घी, जिससे स्नेह सर चद्धि दोनो का साभ्गत मिलता भा |. दमियाद साहच, उनकी लड़की ताहिर '्रोर उक्त सख्न ( मिर्जा महमद्‌ श्रसपदानी ) से दो घन्टें तक बातचीत करते में श्वपनो सारी चिन्ताये भूल गया था । उन्हों के साव में सेयद पहम्मद श्रली “दाइडल-स्लाम” के घर गया । दाइउल-इस्लाम कर साली से हेदरावाद में रहते थे, जहां रहकर उन्होंने “फरह गे-निज्ञाम” नामक एक फारसी कोश लिखा था । उनकी तीन लड़फिया यथपि ईरान कें पतपात के वारण प्पन पितृदेश में ग्रा गई थीं, सिन्तु उनमें हिन्दुस्तानियत की तू इतनी श्रधिफ थी, कि चह ईरानी घन जाने के लिये तेयार नहीं थीं । दो बड़ी लडस्यों में एफ एम० ए० चोर दूसरी एम» एस्‌० सी० थी । छोटी जुनियर सेम्त्रीज पास थी । पिता ऊा मकान हैदराबाद में भी था, किन्तु वह चाहते थे, श्वपनी लड़श्यों का व्याह ईरानियो से करना । मिर्जा महमूद ईरानी-हिन्दुस्तानी थे, हसलिये वह दामाद चनने के योग्य थे । उनकी हिन्दुस्तानी वीवी मर गई थी, इसलिए वह शादी करना चाहते थे, किन्तु बडी लड़की से नहीं, जिसे की दोस्त लोग पूरी गो कहते थे । वह सदा नमाज़-रोजे रखने वाली भोलीमाली तथा रूप में भी + कुछ कम लडकी महमूद को क्यों पसन्द आने लगी ?. बाकी दोनो में से किसी के साथ विवाह करने को वह तेयार थे, किन्तु पिता अपनी जेठी कन्या को कुमारी रख कर दूसरी का विवाह बने के लिए तेयार नहीं थे । अन्त मे उन्हें ममली लड़की का विवाह पहिले करना पडा, चोर महमूद को भी इच्छा या अनिच्छा से अपनी सौतेली मा की छोटी घहन के साथ निकाह कराना पडा! उस दिन हम दोनों आठ-दस घन्टे साथ-साथ रहे। शाठ-दस घन्टा श्राग्मी के पहिचानने के लिए काफी नहीं है, लेकिन जान पडता है खुलरूर वातें करते सुनते एक दुसरे के ऊपर विश्वास करने की बरूमिका तैयार हो गई थी । महमूद कं पिता चड़े व्यापारी थे । कलकत्ते के अत्पहानी ब्रादर्स के पिता और वह दोनों सगे भाई थे । दोनो का कारवार भी बहुत दिनों तक सामे. में था | उनका कारवार विलायत तक था । रुपया कमाने घर उड़ाने दोनो में बह बडे बहादुर थे । मदिरा, मदिरेतणा के अन्य साधक थे, जिसके लिये श्रत्यन्त उपयुक्त स्थान




User Reviews

  • ईपुस्तकालय

    at 2020-04-19 12:00:01
    Rated : 4 out of 10 stars.
    सूचित करने के लिए धन्यवाद |
  • Pallav Kr

    at 2020-04-15 08:36:17
    Rated : 4 out of 10 stars.
    'ईरान में' शीर्षक से यह पुस्तक आपके यहाँ मूल स्वरूप में 'रूस में पच्चीस मास' में पहले ही दर्ज है। बेहतर होगा कि 'ईरान में' हटा दें - https://epustakalay.com/book/17085-roos-men-pachchees-mas-by-rahul-sankrityayan/
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