यूनानी राजनीतिक विचारधारा | Yunani Rajneetik Vichardhara

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Yunani Rajneetik Vichardhara by टी॰ ए॰ सिनक्लेयर - T. A. Sinakleyar

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about टी॰ ए॰ सिनक्लेयर - T. A. Sinakleyar

Add Infomation AboutT. A. Sinakleyar

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
ः यूनानी राजनातिर' विदारणारा ग्राप्त हो जान के वारण माइसानियन सम्यता वे बार से हमारा लीन शॉस्थीय (बरास्यिर) यंग दी यनानी वे पान की जप दा वहा जपिए है । रसरिए पाँच नातालया वा परदाआ वो एस स मिरापर देस न दी भूत से हम बच गत हैं । मार रिए यह मरत्त्पूग नहीं है थि हमर थी बबितासा थे लायार पर उसे रामय के यनानिया ने प्रागतिहारमिक यंग की घटनाओं थे सम्दर्थ से यया पार क्रम निदारित दिया । हम तो यह जानना चाहा हैं थि प्ारेम्न मे इन वविताओं वा गहन अध्ययन कर वार न होगर से विन रादतातिर दिचारा दा यरण रिया । 'राजनातिक सगठना से मिरत जुरन चार उदाटरण इन थविदामा मे मिरत हैं। हो रियर मे सपा दो आत्मा मं भआोरसी से मिरन वार राजनीतिव संगदता वे देवा सपने शो नषिव विस्तार व माद प्रस्तुत दिए गये हैं और न नघिर रिक्षाप्रर दा हैं। चारा उदाहरण इस परमार हैं. (१) इयारा ( छाफिसपश ) को साधाय (२) स्टेरिया (30060) दा दापनिक शब्ाग (३) डा वा मगर और (४) नपमेमतन ( है छाएट्श्णा ) वा जाधिपय 1 ये राश्याते परस्पर भिन्न हैं जौर इनम स कोई भी दो एस सी नहा है। बन पहर नो घकार का सस्याशा मजा आरसी वा दन है बुछ समानता है। थे एजियन प्रदशाय न होइर युटर परियम की सस्याए हूं । टाय वा नगर एशियाई अधिक है यूनाना दम । फ्न्तु इसका विवरण एक यूनानी द्वारा जिंदा गया है और दह भा एक यू नाना बदि ढेवरा। एसी दया मे इस राजनीतिक संगठन के वार मे प्रामाशिकता निधारित करना समय नहीं । इतर विभित सस्याओं मे समानता क्वेल इतनी है कि सभी मे राजा, अभिजात्य बंध और साधारण जनता भ जनसरुपा का लिभाजन मिलता है। यह विभाजन बुछ जाग की बस्तुस्थिति का साभास दता है जब यू नाना विचारव एक बुछे और बहत वी समस्या पर विचार करने लग व । मितु होमर की कविताओं से यह आभास नहीं मिलता दि राजनीतिव सत्ता वास्तव मं किस हाय मे थी। फासियत (शिद्यपडण5 ) के दीप [ 50618 ) मे तहाँ जाडाहियस (0055 दण्ड ) जता है. एलसितस ( ठै1ठप््ा0ा5 ) राज बता है किल्‍्तु उसके हाथ म जविक सत्ता नहा है। उस अपने 'नठाया और परामगदाताया वी सिखा पर निभर रहना पत्ता है औौर इह भी रात वररान॑ का लविवाएं प्राप्त है। इंयाया के राजा सारीसियत्र की स्थिति कु विधिद सी है।* उ्तक पिता ऐरटीज (13८7165) ने पर्याप्त समय प्रूव से थवकाश प्रंटण कर ल्या है कितु नाडासियस का यनुपस्थिति में न तो वे सवय न काई दूसरा 'यदिन ही उसके स्वान पर राज काय सभाहतता है। यद्द १. देिए (. शिकटा, प्ण्णटा १ २, १३४ हीं




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now