मरूत्संदेशम | Marutsandesham
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8 MB
कुल पष्ठ :
198
श्रेणी :
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No Information available about पुलिवर्ति शरभाचार्येण - Pulivarti Sharabhacharyen
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पूर्वसश्वार:
माच्वाघीशा» स्स्थपति कुछजा स्स्वीयमात सुशिषुपं,
न्राझे» क्षात्र प्रदिदिशु रमी शेवकाश्नीनगर्यास् ।
वेट्सिस्माओ तदुरुचरित घरमपाछा” स्मजानां,
श्रीकामाक्षी पदकमकयों स्तंचर झम्भरागास् ॥
मद्रासू बगरमू --
हु ! कर्सिमथ्चि लगरनिकरे नायक मन्यमाना
द्रव्यस्थेज्ञनो दभिगतपदा: पत्रिकास्तोत्रदका: ।
सेवावेषफ मघुररसना स्सन्त्यविस्वाथेवृत्ता,
स्ते गायन्तो मशकहतका , रक्तपा, नेतरेच *।
*एतत् भूम्यां चलति बहु पीढ़ने; पाक नो»
नुणा मित्थे; परघनरतों मण्डलीको 5घिकारी ।
नीत्या दूरो विगतसुखिनां ब्तेंते, सो5धिकारि:;
श्रयोराज्ये प्रभवति कथथे रक्षका भक्षकाश्चित् ? ॥।
*“पसिश्चन्ती सा भरत जननी नेक राजन्य सिंद
द्वाराण्येव नयन गंछिते रथ्पूरैरिदानी मू ।
“जिक्षां देही त्यथ विलपति स्वान्पानायुघेस्य: ,
जन. जैक
इमश्रद्ओ निजतनुभुवां पोरुषे, दि. प्रणष्ट
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