बामन पुराण भाषा | Baman Puran Bhasa
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
36 MB
कुल पष्ठ :
626
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)जन
बामनपुराण भाषा । प
रिष्ठ और आय ऐसे महादेव को कपाली जानकें दक्ष
ने नहीं बुढाया १८ इतना सन नारदने पुलस्त्यजी
से पूछा हे महाराज! देवताओं श्रेष्ठ चोर झाउकों हाथ
में ठेनेवाले और तीन नेश्रॉबाले ऐसे महादेव किस
कमें करके और किसवास्ते कपाली होतेमये १९ पु-
'लुस्त्यजी बोठे हे नारद ! सावधानहोके अति पुरानी
ओर आदि पुराण में प्रकट सुर्तिवाठे ब्रह्माजी की
. कहीहुई ऐसी इसकथा को सुन २० पहले जब एकार्णव
जॉक हुआ स्थावर ब्यौर जंगम नष्टहोगये और चन्द्र
मा स॒ये नक्षत्र वायु अग्नी ये भी नछ्टहोगये २१ ऐसे
मलयमें प्रतकंणासे रहित आर अविज्ञेय भाव आर अ-
भावसे 'बर्जित और डूबगये हैं बेल थ्योर ठण जिस में
रसा और मुश्किल करके दौखने के योग्य ऐसा जब
दुर्दिन होगया २२ तहां विष्ण भगवान बहुत हजार वर्षों
पाली संख्या से युक्त निद्ाको ग्रहशकर शयनकरते द्दं
सर सात्रि के अंत में राजसरूप को घ्राप्तहो लोकों को
रचत ९२३ वेद और. चेदांगों को जाननेवाठा और च-
सच जगत्: को रचनेवाठा ब्पोर अद्भत दर्शन बाला
उयी बह्मा उत्पन्न हुआ २४ आर तमोगुण से उत्पन्न
आर तीन ननावाला आर कपरदी और शख्को धारण
रने वाला और रुद्वाक्षकी माला को दिखाता हुआ
एसा महादेव उत्पन्न हुआ २५ पीछे वही पूर्वोक्त इंडवर
दारुएरूप अहंकार को रचतेभये जिसअहंकारसे त्रह्मा
जार महादेव आउत होतेभये २६ पीछे अहंकारवाठा
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