बुन्देलखण्ड प्रक्षेत्र के छात्र / छात्रा अध्यापकों के गृह पर्यावरण का उनके व्यक्तित्व | Bundelkhand Prakshetra Ke Chhatra Adhyapako Ke Grah Paryavaran ka Unke Vyaktitv
श्रेणी : शिक्षा / Education
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
211 MB
कुल पष्ठ :
211
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about श्रीमती कल्पना शर्मा - Shrimati Kalpna Sharma
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)परिवार से बच्चों ने क्या सीखा, इसका मल्याीकन छिधालय में लगाथा
जाता है । वहीँ पर बच्चों की आपसी क्रियारें, आदतें मनोढ़त्तथी, सभ्यता
और संस्कृत्ति का प्रगटीकरण आदि का प्रत्यक्ष व्प से आंकलन होता रहता है ।
इसी आधार पर प्रि्ाक बालक के भधिष्य को सिशियत करते हैं और न दिका मैं
दालते हैं । इसी आयाम को मनोपैज्ञानिकों ने भविष्यवाणी करना बतलाया है |
माता-पिता के द्वारा प्रदत्त पर्यावरण से प्राप्त सर्वीगींण परिप क्वता, क्षमता को
आधार मानकर बच्चे के थिकासं की दिशा को निधीरित फिया जाता है । वर्तमान.
प्िक्षाधिदू इती आधार पर पाठयफक्रम प्रिक्षा विधि, अज्ञासन और अन्य प्िह्वाण
कौषालों की संरचना करते हैं । इनमें प्राप्त सफलता के प्रतिशत्त से ही बच्चों के भधिष्य
का न्धिरण किया जाता है । व
परिवार का वातावरर्ण बच्चों के व्यक्तित्व निर्माण में ही सहायता नहीं
करता है. बल्कि उनके सास्कृत्तिक विकास को परिस्कृत भी करता है । धीरे-धीरे
दी पषिणायगों के फलरणस्प उसका सयलतार सागाणिक गान्यातातों मे पे हरिव तए।
हीता जाता है । पारिवारिक. सम्बन्धों का प्रभाव बालक के वयत्क त्या कतत्व
निर्माण पर भी पड़ता है । “मन” हूं। 956, पृ० 168 का मत है कि माता-पिता.
का प्रतिक्रिया त्मक व्यवहार बच्चों के भाव शप को निर्धारित करते है जिसमें उनके
समस्त विकासों का परिस्कर्ण सम्मिलित होता है । “राल्फ लिंटन” का मत है :
व प्िष्ठा के सुम्चित विकास के लिये सिर्प, शारी रिक आवश्यकताओं की संस्छाष्टिट
पर्याप्त नहीं है बल्कि बच्चों के लिये व्यक्तिगत सहायता, प्रेम, और सहयोगी
_ फ्रियाओं आदि से मिलन वाले संतोष की अधिक आवश्यकता होती है ।* मानवीय.
गुणी का विकाप्त बह्ायामी होता है वह बच्चों के वयस्क होने पर मानसिक
विकास, सोच आदि को प्रमभाधित करता है । कस प्रकार से परियार का पर्यावरण
_ बच्चों में मादात्मक और रागाह्मक-तादात्म्कको स्थायी बनाने में सहायक होता.
.. है । परिणामतः वयत्क व्याक्तित्व की. फ्रियाशीलता, रचनात्मकता और सृजनीलता
... के प्रति उत्तरदायी बन जाती है, जिससे उसके प्रौट़ व्याक्तित्व में एक निभियतता का
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