भगवान महावीर और औषध विज्ञान | Bhagavan Mahavir Aur Aushadh Vigyan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
48
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)[ ९
पत्र जीव (३६-४०) कच्छप (४४) याशिक (४८) कुमारक
(६२) लक्ष्मी (६८) नेमी (७१)
(७) शाक वगे में:--शफरी (२४) कुक्कुट: शिखी,( ३० )
गोजिन्हा (३९) वाराही (१०७)
झनेकाथ बग में:-भजश्पंगी, मेष स्यंगी, ककेट श्यंगीच,
ब्राह्मी--ब्राह्मणी, भाजी स्पृक्काच । भ्रपराजिता - विष्णु
कान्ता, शालपर्णीच, पारातपदी, ज्योतिष्मती काक जंघा च ।
गोलोमी - इवेत दुर्वा वचा च । पद्या - पथ चारिणी, भाज़ो च
दयामा सारिवा प्रियंगुरुच । ऐन्द्री - इन्द्र वारुणी, इन्द्राणी च ।
चर्मकषा - शातला, मांस रोहिणी च । रूहा - दुर्वा-माँसरो हिणी
च । सिंही - वृहती वासा च । नागिनी - तांबुली, नाग पुष्पी
ख। नट: - दयो नाक: भशोकरच । कुमारी - घत कुमारिका
शत पत्रों च । राजपुत्रोका - रेणुका जाती च । चन्द्र हासा -
गडूची लकष्मणा च । मकंटी - कपि कच्छ: भ्रपामागं: करेजी
च । कृष्णा - पिप्पली, कालाजाजी, नीली च । मंडक पर्ण -
दयोनाक: मंजिष्ठा, ब्रह्ममंण्ड की च । जीवंती - गड्ची,
शाक भेद: वृन्दा च । वरदा - भ्रद्वगंधा, सुवर्चला, कराही च ।
लक्ष्मी - ऋदि: वृद्धि: शमी च । वीर: ककुम: वीरणम्
कांकोली च दशरदच । मयुर: - भ्रपामार्ग: भ्रजमोदा तुत्यं च ।
रक्त सार - पतंग शभ्ादि । बदरा, - वाराही, भ्रादि ।
खुवहा - नाकुली भ्रादि । देवी स्पृक्का मूर्वा ककोंटो च ।
लॉगली - कलिहारी «८1८८८, ना रकेलर. विशल्या
च। चंद्िका- मेथी, चन्द्र श्र: दवेत कण्टकारी च ।
भक्ष झब्द: स्मृतोष्टसु ।। १॥।
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