अन्तिम - साध | Antim Sadh

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Antim Sadh by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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डे . माया, मेले में चलोगी' प्रभा ने कहा | कहां मेला है ! सखी 1 प्योरी गाँव से उत्तर, उसी देवी के घाम पर 1 'केसे मालूम ?' परी माँ कह रही थी ।” *वलू गी 1 कपड़े पहन कर मेरे घर पर श्राना सब एकसाथ ही ' चलेंगी । देखना कहीं भूलना मत । गयच्छा । “जरा कमला सखी से- भी कह देना भूलना नहीं, शायद हमें मौका ने मिले ।' तुम सब कया मंसूबे बांध रही हो ?” ग्वाला रामदीस ने पूछा । 'चल-तू जानकर कया करेगा | इतना कहती हुई सब खिल खिला .कर हँस -पढ़ीं । लज्जित होकर रामदीन चला गया। 'अम्सा ? 'झम्सा, डुमकियां भरती हुई म्रभा ने कहा । कया दे बच्ची ! मेला; देखने जाइँगी । गांब्र की सभी -ज्वक्ियां का रही हैं । कोन,कौन ? ,... साया, मिर्नो खौर छसका;!




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