गली रा लाडैसर | Gali Ra Ladesar
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
721 KB
कुल पष्ठ :
62
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)कम्मू रो एड़ी वातां सुणा'र दौनू भी उदास होयग्यो । पण, कम्मू ने
उस बंघावतां घकों वे यो,'वावद्ा एड़ी वातां नीं कर। थारा तीन भाई-वैन
पेला ई मरग्वा । भ्रबे तू एक ई तो धारें बाप रो वेडी है । श्र, जे तु
लेने काई-किसी कर लेपरसी तो थार बाप रो तो बस ई टूब जासी। न्हारो
' केवे है क मैटे यू बस चाले है श्र बाप रो नाम चाल है था
परण बिचाले ई कम्पू बोल पड़ यो, ' दीन, म्हारों म्रव्चा भो श्राप रो
म चलावण खसातर कठई पोपढ रो पेड लगा ले पसी। पं, जियां लाभु रो
म वोत्यो जावे है दियां ई पीरु रो पीपद्ध वोन्यो जासी । मर दस सु
रे श्रब्दा रो नाम चालती रेसी ।''
दीनू, वम्मू री वात कोनो मानी । वो दीनू ने समसायों, “सुर हे
नू, जरठ मांई-मां टुबे है । चठे सगे टावर सार्ध एऐडी दाता ई हुवे है ।
रात भी म्हारी माँ मने पेया ही । पछे, थारी श्म्सा जद यू थार
लारे श्राई है । तने तो दुख देयती रयी है । सर, दूला है सामे थारें मु
डी हेत रासण रो नाटक करती रंयी है । यंत्र टरप दात से सगद्धा श्राद्ध
रयां सू जाणे है । के वा कितोक भूठी है * झर वितोए साचो है * थी दी
में हां दूणा इग् सखातर मिला है बद्ं के वा नागी राड है ।
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