ग़ालिब | Galib
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7.61 MB
कुल पष्ठ :
98
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)९४ ग़ालिब शहरों में शरीफ़ों के लिए पैदल चलना दस्तूर न था किसी किस्म की सवारी पर भाना-जाना लाजिमी था । घोड़-गाड़ी का रिवाज अंग्रेजों की वजह से हुआ घोड़े की सवारी लम्बे सफ़र पर की जाती शहर के अन्दर इसका रिवाज़ न था। आम सवारी किसी क़िस्म की पालकी थी । इसका नतीजा यह था कि कोई हैसियत वाला अकेला टहूल नहीं सकता था रास्ते में खड़े होकर लोगों को अपने काम से आते-जाते नहीं देख सकता था सेहत की ख़ततिर भी पेदल संर नहीं कर सकता था अवामी घुल-मिल नहीं सकता था अवाम में घुलने-मिलने का और कोई इम्कान नहीं था। शरई क़ानन के मुताबिक़ सब इंसान बराबर थे और इस कानून को मानने से किसी ने इन्कार नहीं किया । लेकिन क़ानून ने इसका हुक्म नहीं दिया था कि लोग आला और अदना अमीर और गरीब के फ़क़ं को नज़रंदाज़ करके सबसे बराबर की हैसियत वालों की तरह मिलें और उस क़ायदों पर जिनकी वजह से मुख्तलिफ़ तब्क़ अलग रहते थे सख्ती से अमल किया जाता था। मुमकिन है कि यह जातों की तक़सीम का असर हो क्योंकि हिन्दुस्तानी मुसलमानों के तौर-तरीक़ में बाज़॒ बातें हैं जो इस्लामी मुल्कों में नहीं मिलती हैं बहरहाल समाजी तक़सीम के इन क़ायदों के वृजूद से इन्कार नहीं किया जा सकता । इनकी वजह से शाइर अवाम से अलग और शाइरी अवाम के जज़्बात से दूर रही । सिफ़ें नज़ीर अकबराबादी ने शाइरी को इस करन्तीन से निकला और उनके कलाम का हुस्न और उसकी रंगीनी इसकी शहादत देती है कि उर्दू शाइरी ने समाजी पाबंदी का लिहाज करके अपने-आपको बहुत सी वा रदाते- क़त्बी से महरूम रखा। लेकिन नज़ीर अकबराबादी के तरीके को शाइरों और नक्क़ादों ने पसंद नहीं किया और उनके हम-अस्र लोगों पर उनके कलाम का असर नहीं हुआ । इस तरह शाइर के एहसासात का ताल्लुक़ उनकी जात से ही रहा उसकी कंफ़ियतें समाज की खुशी और रंज से अलग और मुख्तलिफ़ रहीं । सफ़र का रिवाज़ भी इंसानों को एक-दूसरे के क़रीब लाने का जरिया है लेकिन यह भी समाज में रब्त पदा न कर सका । सफ़र करना मुश्किल था लोग शहर से बाहर निकलने से घबराते थे । ग़ालिब का एक फ़ारसी का शेर ट्े तक १. स्वास्थ्य २. जनता साधारण लोग ३. संभावना ४. इस्लाम धमं के ४. उच्च ६. साधारण तुच्छ ७. विभिन्न ८. वर्ग £. विभाजन १०. अस्तित्व ११. भावों भावनाओं १२. दायरा १३. सौन्दर्य १४. साक्षी गवाहीं १५. हाटठिक घटनाएं १६. वंचित १७. आालोचकों १८. समकालीन १४. भावनाओं २०. संबंध २१. निज से शरीर से २२. स्थिति २३. भिन्न २४ माध्यम २४. संपककें ।
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