मराठों का इतिहास | Maratho Ka Iitihas

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Maratho Ka Iitihas by जेम्स कनिंघम ग्राएट

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

जेम्स कनिंघम ग्रान्ट डफ - James Cunningham Grant Duff

No Information available about जेम्स कनिंघम ग्रान्ट डफ - James Cunningham Grant Duff

Add Infomation AboutJames Cunningham Grant Duff

लक्ष्मीकान्त मालवीय - Lakshmikant Malviya

No Information available about लक्ष्मीकान्त मालवीय - Lakshmikant Malviya

Add Infomation AboutLakshmikant Malviya

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
ँ. . रूस जे पर आनन्दराव पवार के स्वार्मित्व की पेशवा ने पुष्टि की; पूरे शाही प्रदेश की चौथ का पेशवा को वचन दिया जाना; भासकर परत की प्रगति; श्रलीवर्दी खाँ ने भासकर पंत को पीछे हटने को विवश किया; रखुजी भोसले का बंगाल में प्रवेश, मालवा क शासन तथा श्रन्य लाभों का वचन पाकर पेशबा का श्रलीवर्दी खाँ को सहायता करना त्रौर खुजी भोसले की सेना को पराजित, करना; पेशवा को मालवा शासन की प्राप्ति; पेशवा का सातारा लीटना, श्पने विरुद्ध रघुजी भोसले का दूसरे सयदारों के साथ सम्मिलिन रोकने के लिए पेशवा रघुजी मोसले को बंगाल देने को विवश डुश्रा; निजामुल्मुल्क के राजकाज, अपने पुत्र नासिर जंग के विद्रोह का दमन; काणाय्क पर ब्रमियान; प्रबंध; रचजी भोसले के सैनिकों का बंगाल पर झभियान; पेशवा की कायं- हियाँ; सदाशिव चिमनाजी के श्रधीन कार्णावक पर . श्रमियान; बुन्देलखण्ड के राजाओं से विशिष्ट | रद १-रेद२ १८ १७५० ई०-१७४५४, ई० तक पूना मराठों की राजधानी बनाया गया; पेशवा श्रौर सदाशिवराव भाउ में मतभेद; रामचन्द्र बाबा शेणवी; पेशवा की गाजीउद्दीन को सहायता; नासिरजड् की. मृत्यु, पेशवा ने दर्माजी गायकवाड़ को कारावास में डाला; किला ताराबाई के कब्जे में, राजा को .बन्धन में रखा, बस्सि के इशारे पर मुगल सैना का महाराष्ट्र में प्रवेश, खुजी भोसले का सफल श्रमियान; शाही दरबार का हालचाल, रोहित्लों के उपद्रब, अवध के नवाब ने होतकर श्र सिंधिया की सहायता ली, अब्दाली का श्राक्रमण; गाजीउद्दीन का दक्षिण को प्रस्थान; पेशवा को विस्तृत श्रपण प्रदान किया; सातारा का हालचाल,; काणाटक श्रौर गुजरात में अभियान, रघनाथ राव को हिन्दुस्तान को प्रस्थान, जानोजी की सेना साहब सूबा पद पर नियुक्ति, पेशवा श्र ताराबाई में सम- . भौता; दिल्‍ली का हालचाल, शाहबुद्दीन ने मराठों की सहायता ली; सं्रादू को _ पदच्युत किया श्रौर जहन्दर शाह को सिंहासन पर बैठाया | ८३-४० अनुक्रमणिका न , कं




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now