चिकागो प्रश्नोत्तर | Chikago Prashnottar

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Chikago Prashnottar  by आत्माराम जी महाराज - Aatnaram Ji Maharaj

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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चिकाम्ते प्रडबोतेर के इ०-इश्वरक अस्तितवमें यह प्रमाण हे, कि जो इंस॑ जंयलमें ्यूस्यपेत्तिवाला शुद्धपद, अर्थात्‌ समांस रहित' अर्थवाखा पक धद ह तिसका वाच्य अर्थ अवस्यमव अस्तिरूप है जेसे- घट, पट, जीव घमे, पय, पाप, मोक्ष, आस्मा, संसारादि ओर जो जो दो चद अर्थात्‌ समासांतपद हैं उनका वाच्याथ अस्तिरूप, होवे भी ओर मा भी होवे, जेसे गोश्वंग, महिषश्वंग, राजपत्र, इत्यादि दो फ्वोंका बाय्याथ अस्तिरूप ह, ओर शसशूंग, अदवश्चुंग, नरशूंग, बंध्यो पत्र इत्यादि पदोंका वाच्याथ नास्तिरूप हैं, इश्चर जो पद हे सो शख्ध एकपव हे इसवास्ते इंडवर पदका वाच्याथ इश्वरभी अब - इयसेंव अस्तिरूप है, तथा चागमः-इंदवर इति पद सत्‌ विद्यमान कश्मात शुद्धददस्वात एक पदत्वादित्यथः पर॑ ख॒कुसुमवदाकाश कसमंवदसद विद्यमानं न अय॑ भावः समस्तलोक यस्पयस्प पद़ाथ स्येकपद नाम भवति स पदार्थास्त्येव यथा घट पट' लकटादिः एवमी श्वरस्यापि इंइवर इति एक पदं नाम अतः कारणादीरवरो. ;स्ट्पेच नचमराकाश कलसमवन्नास्ति यत आकार कसमस्येक पद नाम नास्ति कित द्विपद॑ नामास्ति यद्यत द्विपद नामवस्त मवति, तखदे न विद्यमान न भवति किल किचिद्‌ गारश्ृंग महिषश्वुंसादिव 'दियमानसस्ति किंचित्पनः खरशंग तरंगमश्ंगाका शकसमादिवव कि्यिमान तत इस्वरइति पदमेकपदत्वादस्त्येवेत्यनुसानप्रमाणेत्रेदवर . सत्ता स्थापिता ॥ सथास्यपि-इंश्वरसिद्धावेवोपपत्थन्तरमाह-इश्वर इस्ये तदव- चने सार्थकमिति प्रतिज्ञा व्युत्पत्तिमत्वे सति 'शुद्धपदस्वादिहयहत्यु :ह्पंतिमस्वे लुद्धपढ़ें तदर्थवद्‌ दष्टं यथा घटादिकं तथा चेश्वर पढें. तस्मात्साधंक यतु सांथक न भवति तद्व्ु,तपत्तिमच्ठछुद्धेपढ 'वः




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