अञ्जना हनुमान | Anjnaa Hanuman
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
16 MB
कुल पष्ठ :
227
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)५ पहला परिच्छेद ।....
सर पसपपयययममसदम्स्स्थस््यि गेम टस्सससमशवम्ेवस्मसवसयय रद
विरह ।
2:छ09:9
त्रि तारेगिनते कटतो है और 'दिन ठंडे ।साँस भरते ।
भर >छ22 लोग विपत्ति के समय ज्योतिधियां से ग्रह गति
पूछते पर मेरे लिये यह सब व्यथं है, क्योंकि मेरे भाग्य के
आकाश दुख का नक्तत्र घ्र.व होकर चमक रहा है । एक एक
करके दस वष॑ व्यतीत हो गए, पर मेरे दुख का शझंत नहीं
हुआ । अंत तो कहाँ, मुझे झभी तक यह भी पता नहीं लगा कि
मेरे दुख का कारण क्या है । ज्योतिषियां का कथन, बृद्धो के
आशीर्वाद श्र देवताओं की पूजा झर्चना, यह सब जी पचांवे
की बातें हैं; क्योकि मेरी दशा छोर उन के कथन का उतना ही
अंतर है जितना उदय झऔर अस्त का । जब में कुचारी थो तो
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