हिंदी भाषा और साहित्य को आर्यसमाज की देन | Hindi Bhasha Aur Sahitya Ko Aryasamaj Ki Den

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Hindi Bhasha Aur Sahitya Ko Aryasamaj Ki Den by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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हू रे. उ. आर्यसमाज फी स्थापना 'ौर सके नियम शर-शज सम्प्रदामबाद से. हामि--शार्पसमाम की स्थापना शौर प्रारम्मिक नियम--बायंसमाज के बतेमात सियम--उप नियमों में हिस्वी-- स्वामी बमातत्व ्वारा हिस्दी प्रचार भौर कठिशाइयाँ--मुसलमार्वों और सर सैयद भहमव ला दारा बिरोष--तासी का पक्षपात्--सरकार हारा बड़चन-- बास्तरिक कठिगाई । स्वामी थी हारा हिनदों-प्रचार के साभन शज-९३ ब्यास्पान मापय पौसी--स्पास्याम के बिपय में स्वामी भद्धा मस्द का मत--बिप्थू पंत का मत--उसरोतच्तर पन्हि-- म्यास्या्ों में वुष्टाल्त--स्वामी भी के प्रसिद्ध थास्त्रार्थ-- 'चावापुर में धर्म चर्चा मौलवी अहमद हुसेत बौर पाइरी स्काट से शास्त्रार्प--स्वामी थी के पत्र भौर बिज्ञापन-- विज्ञापत--राजाओओं को उपदेस---स्थामी जी शौर उदपपुरा थीस--महाराणा की भक्ति--महाराजा शाहपुरा से संपकं-- स्वामी थी गौर जोषपुर मरेश--महाराजा की तटह्थता-- पष्ों द्वारा चेठाबती--राजकमारों को सर्वप्रथम डिप्दो पढ़ाने का आादेस--बिप प्रदात और स्वामी जी का बसिदात “हिन्दी छवों में महाराशा संरजत सिंइ की भदाजसि । स्वामी सी के प्रंभ ७रनपश त्यार्पप्रकाध रचना प्रथम संस्करण का महत्व प्रथम संस्करण के विपय प्रबम संस्करण की मापा बौर सैली-- धरपार्षप्रकाश ३ितीय स्करण हितीय सस्करण की प्रामा चिकता प्रथम शौर हिठीय सस्करण का अम्तर सरपार्म प्रकाश के बिपय. सत्पार्वप्रकाश का सहूत्व सत्यार्थप्रकाश के सस्करण सत्पार्षप्रकाघ्र के विभिरन मापा्जों में सनुषाइ-- पंच महायल विधि--बेदास्तिप्यात्त निवारण--जेद बिद्द्ध मत-बंडन--सिझापत्रीप्यात्त सिदारप--मार्पाभिवितय-- संस्कार बिधि--आापरह्रिय रत मामा--भात्ति नियारण-- शआाएम चअरिश--संस्कत बाकम प्रवोध--स्पवदहार सानु-- अमोच्छेदत--गीकरुचालिणि ! ग्यास्या प्र॑ंय और अलुपाद दरनप७ शप्टाप्यापी माप्प--जेरागप्रगाए 1 पल भाप्य द७-९३ बेद माप्य की मायप्दकठा स्वामी जी शत बे मभाप्य को




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