राजा लियर | Raja Liyar
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
119
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१६ थ ः राजा लियर
लियर मारे शोक के उसी शव के ऊपर गिर पड़ा और श्रचेत
हो गया । राजमहल में कूहराम मच गया श्रौर थोड़ी ही देर में
सारे दहर में खबर फंल गई । राजा लियर प्रजा की दृष्टि सें
बहुत ही सम्माननीय था । उसकी रानी भी वैसी ही दयालु
और सच्चरित्र थी । प्रजा उसे बहुत चाहती थी । उसकी मृत्युका
समाचार सुनकर सभी को दुःख हुआ। भूंड-के-भंड लोग काले कपड़े
पहने हुए, शोक-प्रदशंन के लिए राजमहल के सामने इकटे
होने लगें । और शाम को जब रानी का शव दमशान की श्रोर
ले जाया जाने लगा; तो लियर ने देखा-- श्रसंख्य व्यक्तियों की
भीड़ साथ चल रही है। रानी के प्रति प्रजा का यह मोह श्रौर
सम्मान देखकर उसका हुदय एक बार फिर रो उठा ।
धीरे-धीरे कुछ दिन श्रौर बीते, लेकिन लियर को शांति
नहीं सिल सकी । रानी की मृत्यु से उसे श्रपना जीवन सुना-
सुना प्रतीत होने लगा । उसके मन्त्रियों ने उसे दूसरा विवाह
करने की सम्मति दी, पर लियर ने उसे स्वीकार नहीं किया ।
उसने आ्राजीवन विधुर रहने का ही सिर्चय किया और
लड़कियों के पालन-पोषण के साथ-साथ राज्य-कामों में श्रपने
को इस तरह उलभा लिया कि महारानी की आ्रोर ध्यान देने
का अवसर ही न सिल पाता था ।
धीरे-धीरे लड़कियाँ सयानी हुई श्रौर लियर बुढ़ा हो चला ।
उसमें श्रल्बनी प्रात के ड्युक 'जेक्सन' के साथ गोनरिल का
विवाह किया । जैक्सन एक स्वस्थ श्रौर सुन्दर युवक था ।
उसके स्वभाव श्रौर राजवंश को . देखकर ही लियर ने उसे
भ्रपना दामाद बनाया था । लेकिन ड्यूक हो जाने के बाद, लोग
उसका वास्तविक नाम “जेक्सन' नहीं पुकारते थे । वे उसे श्रादर
के नाते 'अल्बनी का ड्यूक' ही कहते थे । श्रागे चलकर यह
नाम भी छोटा हो गया और जैक्सन को केवल 'ग्रत्बैनी' कहा
ज़ाने लगा ।
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