वह कम्युनिस्ट था | Wah Camyunist Tha
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
82
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)वह कस्यूनिस्ट था &
तरह कप्टों के कंदीलेपन पर घसीटू'. यदि तुम डालर को ही जीवन
समकती दो, जीवन का सुख ससकती हो. तव ढालरों की दुनियाँ
में जरूर प्रसन्न हो. एक . बात है. झ्राह्म, सच बताना कि त्वान
चेस्टवाटर मे तुम्हें बुलाया ?””
“्ट्ोःः
“क्योंन हो? तुम सुन्दर. सुन्दर वस्तु को हरेक अपने
उपये.ग में लाना चाहता है. ढालर ही हरेक सुन्दरता दौर मोहदकता
को खरीदने की शक्रि रखता हे. में एक कुली ! मेरे पास ढालर कहाँ ?
द्धा, ठुमने मुझे; 'घोखा दिया है, इसका न्याय, प्रेम का देवता ही
करेगा. ” यह कदत हुए सिंन-ही अपने रास्ते पर हो लिया.
द्याह्ा सिन-दी को दस्की नजर से देखती हुई घूम पढ़ी.
वेमच के कच : की कई परतें उसकी आत्मा पर चढ छुकी थीं,
ः सिंन-ही का इंतरतस जल उठा, ज्यादा काम नहीं कर सका,
रद-रह कर छाद्ा की ाकर्पक था ते उसके सामने आजतती.
इस झाघात को सह न पाया, प्रयव्न किया कि वह सब कुछ भूल जाय.
ज्यों उयों दवा की, सर्ज बढ़ता ही गया. बीयर के नशे में धुत होकर
समय से पृव ही चदद घर लौट या,
सिंच-ही-फट झापने लक्ष्य पर झाकर रुक गया. उसने मच्छुर-
दानी उठाकर झ्राह्या को जी भर देखा. उसका मन म्रतिशोध की
पठन से ऐंठकर दुदरा होग्या. जब वेस्टवाटर ने नींद में ही आह्वा को
अपनी मांसल बाहों में चांघा,
क्षण भर बाद सिन के हाथों में छुरा चमका. आह्वा की पीठ को
चूमता हुआ कलेजे के पार दोगया, चह चीखी, खून का पनाला बह
नवला, खत्म दोगई.
नशे सें गक॑ चेस्टवाटर को पता भी न चला कि कौन आया और
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