राय - रत्नावली भाग - 3 | Ray - Ratnawali Bhag - 3
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
367
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)10 |] [_ राय-रत्नावली
'पालक' पुरोहित तेह,
रीसज पाछली--
इणा माने खिष्ट कियो हुंतो ए ॥ 8 ॥।
श्रो संजम ले. श्रायों. शझरांहिं:
वेर वालू* माहरो--
इणने फल देखाय दूं ए ।॥ 91
वाग वारे वेलू रेत,
जठे श्रायो शआ्राघी रात रा,
पुरोहित छाने पापियों ए. ।॥। 10 ॥।
पांचसी.. खड़े दिया... गाड,
ढालां पांचसौ --
गाडी जुदी जुदी जायगा ए ।॥1 11 ॥।
तीर कमा तेम,
वन्दरक ने बरछियां,
कुहाड़ा ने कटारियां ए ॥ 12 ॥।
संग्रामना स्व साज,
धरती मांदे धर दया
पुरोहित कपट ईसी कियो ए ॥ 13 ॥।
साधु तौ बाग मभार,
खंधक श्ाचार्य--
परिवार ज्यांरो पांचसौ ए ।॥। 14 ॥।
पुरोहित पापी जीव,
कुबुद्धि या केलवी--
साघाने मारवीं भणी ए ॥ 15 ।।
1. यहां पर 2. लेक
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