मैथिली लोकगीतों का अध्ययन | Maithili Lokgeeton Ka Adhyayan

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Maithili Lokgeeton Ka Adhyayan by डॉ० तेज नारायण लाल शास्त्री - Dr. Tej Narayan Lal Shastri

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(१०. ) दूसरा श्रध्याय सेथधिली भाषा श्रौर उसकी भौगोलिक सीमा । उसके विविध रूप पूर्वी श्रौर पश्चिमी संधिली के भेदों श्रौर समानताशं पर घ्रकाद । उस पर शन्य भाषाओं का प्रभाव । ३९-६० मधिली भाषा श्रौर उसकी भौगोलिक सीमा : मिथिला के विविध नाम ४१, मिथिला की सीमा ४४, मथिली भाषा श्रौर उसकी भौगोलिक सीमा ४७, मथिली श्र बंगला, मेथिलीं श्रौर बंगला के कुछ शब्द विकास ४९, मैथिली श्रौर बंगला का क्रिया विकास, मंथिली श्र ग्रसमिया ५०, मेथिली श्र उड़िया मेथिली श्रौर मगही ५१, मंथिली और भोजपुरी, मेथिली श्र खड़ी बोली ५२, मेथिली श्र श्रवधी का दाब्द, . विकास ५४, मेथिली और खड़ी बोली : वाक्य की दृष्टि से मेथिली श्रौर खड़ी बोली : कुछ व्यावहारिक दाब्दों की हष्टि से ५५, मेथिली भ्रौर खड़ी बोली के सर्वनास ५७, मैथिली भाषा का वर्गी- करण ५७, पूर्वी और पढिचिमी मेथिली में भेद श्रौर समानताए और उन पर पड़ोसी भाषाओं का प्रभाव ४८ । तीसरा श्रध्याय मेथिली लोकगीतों का वर्गीकरण : न ६१-१२६ मेथिली संस्कृति की मुल प्र रणाए श्र उनमें लोकगीतों का महत्त्व परे, घार्मिक श्रादशं श्रौर मैथिली लोकगीत, तन्त्र-मन्त्र और जादू- टोना ६४, साँप का मंत्र ६९, भुतप्रत का मंत्र ७०, तंत्र श्र मैथिली लोकगीत ७१, शिव की उपासना ७२, दाक्ति की उपासना ७६, विष्णु की उपासना ७८, नदी श्रौर वृक्ष की पूजा, गंगा-स्तुति ७९, कोशी- गीत झाम महुँए का व्याह, बरसाइत ८१, त्योहार, मधु साँवनी ८२, फाग, छठ 5रे; सामाजिक श्रादशं श्र मैथिली लोकगीत सुधार ८५, सेवा-भक्ति, तप-त्यीग, करनी गीत ८६, पारिव।रिक श्रादर्श और मेथिली लोकगीत, दाम्पत्य जीवन ८७: जन्म-मरण, राजनैतिक ग्रादर्ं और मेथिली लॉकगीत, उत्तम शासन व्यवस्था, श्रगरेजों की बिदाई ८€, राष्ट्रीय चेतना, रहन-सहन के श्रादर्श श्रौर मैथिली




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