दिगम्बर जैन साधु | Digambar Jain Sadhu

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Digambar Jain Sadhu by धर्मचन्द्र शास्त्री - Dharmchandra Shastri

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about धर्मचन्द्र शास्त्री - Dharmchandra Shastri

Add Infomation AboutDharmchandra Shastri

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
[ ३ 1] में झपार उत्साह था, लालाजी का यह सौभाग्य हुभ्रा कि उन्होंने सोनागिरि सिद्धक्षेत्र पर आाचाय॑ शांतिसागरजी श्री वीरसागरजी भौर नेमसागरजी महाराज के दर्शन किये आपके पिताजी, माताजी और आपने तथा श्रनेक भाई बहिनों ने नियम लिये । भ० महावीर स्वामी के २५०० वें निर्वाण महोत्सव पर एक छोटी सी पुस्तक लिखी जिसमें दिल्‍ली में पधारे चारों सम्प्रदाय के सुनिराज श्रौर श्राचार्यों का परिचय था परमपूज्य ऐलाचार्ये विद्यावंदजी महाराज ने उस पुस्तक को पसंद किया और कहा कि जिसमें समस्त दि० जेन समाज के श्राचायें मुनिगण त्यागियों का परिचय हो ऐसी पुस्तक छपनी चाहिये । इस सम्बन्ध में लालाजी की प्रबल भावना थी कि आचायं शांतिसागरजी महाराज से लेकर आजतक हमारे जितने मुनिराज हैं उन सभी का परिचय एक पुस्तक में हो । तदनुरूप ग्रन्थ तैयार किया गया श्रौर उसके प्रकाशन का भार लालाजी की ओर से ही वहन किया गया । हमारी श्री जिनेन्द्र देव से प्राथेना है कि लालाजी सतत जिन शासन की सेवा करते रहें ।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now