लियो टॉलस्टॉय | Lev Tolstoy
श्रेणी : जीवनी / Biography
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
19.35 MB
कुल पष्ठ :
564
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अंदर हाथ डालकर सीने पर सलीव का निश्ञान बनाता हूं ताकि कोई देखने न पाये फिर भी हज़ारों चीजें मेरा ध्यान भटकाती हैं और अपनी वदहवासी में मैं प्रार्थना के वही शब्द कई वार दोहरा डालता हूं। सड़क के किनारे-किनारे वल खाकर जाती हुई पटरी पर धीरे- धीरे चलती हुई कुछ आकृतियां दिखायी देती हैं ये तीर्थयात्री हैं। उनके सिर पर मैले रूमाल बंधे हुए हैं उनकी पीठ पर वर्च की छाल की धज्जियों के बंडल हैं उनके पांवों पर गंदी फटी-पुरानी पटिटयां लिपटी हुई हैं और उन्होंने छाल के जूते पहन रखे हैं। अपनी लाठियां एक साथ भुलाते हुए और हम लोगों की ओर प्रायः विल्कुल ही न देखते हुए वे धीरे-धीरे एक क़तार में आगे बढ़ रही हैं। मैं सोचने लगता हूं वे कहां जा रही हैं और क्यों ? क्या उनका सफ़र वहुत लंबा है? और सड़क पर उनकी जो दुबली-पतली परछाइयां पड़ रही हैं क्या वे शीघ्र ही उनके रास्ते पर पड़नेवाली बेद वृक्ष की छाया के साथ मिलकर एक हो जायेंगी ? इतने में चार वदली के घोड़ों के साथ एक गाड़ी तेज़ी से हमारी ओर आती हुई दिखायी देती है। दो ही सेकंड बाद वे चेहरे जो दो अर्शीन की दूरी पर वड़ी जिज्ञासा से मुस्कराते हुए हमें देख रहे थे हमारे पास से होकर आगे निकल गये हैं विद्वास नहीं होता कि ये चेहरे विल्कुल अजनवी लोगों के थे और यह कि शायद मैं अब उन्हें कभी नहीं देख पाऊंगा। इसके वाद पसीने से तर भवरे घोड़ों की एक जोड़ी जिनके लगाम लगी हुई है सरपट भागती हुई सड़क के किनारे से निकल जाती है उनकी जोतों को बम के पटुटों के साथ गांठ वांधकर जोड़ दिया गया है उनके पीछे बदली के घोड़ों की निगरानी करनेवाला लड़का उदास धुन का गाना गाता हुआ घोड़े पर सवार चला जा रहा है उसकी मेमने के ऊन की टोपी एक ओर को भुकी हुई है बड़े-बड़े बूटों में उसकी लंबी-लंबी टांगें घोड़े के दोनों तरफ़ भूल रही हैं घोड़े पर दूंगा कसा हुआ है। उसके चेहरे और उसके रवैये से ऐसी काहिली और लापरवाही टपक रही है कि मुभे ऐसा लगता है कि वदली के अर्शीन - पुरानी रूसी माप जो ० ७ मीटर के वरावर है।- अनु० दूंगा -घोड़े के साज़ का एक हिस्सा । - अनु० श्द्भ्
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