कामना | Kamana

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : कामना - Kamana

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about जयशंकर प्रसाद - jayshankar prasad

Add Infomation Aboutjayshankar prasad

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
अक ९१ दृश्य २ घर की झावश्यकता है । कामना ने सहायता चाही है । सब जाते है । लीला और सन्तोष का प्रवेश लीला-हाँ प्रियतम इस पूर्णिमा को हम लोग एक हो जायेंगे । सन्तोप--परंतु तुम्हारी सखी ता-- लीला--अरे सुना है उसने भी वरण किया है । सन्तोप-- किसे ? वह तो इससे अलग रहा चाहती है. लीला--कोइ समुद्र-पार से आया है | सन्तोप--हाँ आने का समाचार तो मैने भी सुना है पर उस नवागंतुक से क्‍या इस देश की कुमारी ब्याह करेगी ? लीला--क्यो क्या ऐसा नहीं हो सकता ? सन्तोष--अभी तक तो नहीं सुना क्या किसी पुरानी कहानी में तुमने ऐसा सुना है ? लीला--परतु कोई आया भी तो नहीं था । सन्तोप--यह तो ठीक नहीं है । सुना है उसका नाम विलास है । लीला-+ठीक तो नही है पर होगा यही । श्र




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now