कल्याण ईयर ५ | Kalayan Year 5
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
38 MB
कुल पष्ठ :
752
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)हूँ के
फप् संख्या
१४४ ाह्वान । (पं० घल्देवप्रसाद सिश्, एम०ए० ,
पुल-एल« बी ०,एम० आर ए० एुख०) '” १७१
१४६ रासनवरित्र शिक्षासार ।
(श्रीनन्दकिशोरजी मा 'किशोर' कान्यती थे) १७६
१४७ बैंदेही-विलाप | (पं ० रमाशंकरजी मिश्र “श्री पति”) २०१
१४८-'ाराध्य राम । (श्रीबालकृष्णुजी बलदुबा) २१२
१४१ राम नाम 1 (श्रीसोतीलालजी थोमरें) '”' २१७
१३० -शीरामचरितमानस-महिसा ।
(श्रीलों चनप्रसादजी पायदेय) ' स्धष
१९१ तुलसी दाससे ।
(श्रीमोहनलालजी महतो 'वियोगी') . '*” र94
१५२ रामायण | (श्रीरामपलटसिंद 'मघुर'
छम० एव, एम० शार५ ए५ एस ०) ६८4
१4 ३-दबुचर जो ।
(श्रीनासयसाचार्यजी शास्त्री वेदान्तभूषण) न
१२४-राज्य । (श्रीसंविलीशरणजी गुप्त) सर ससप
१५८ झादिकति बाह्मीकि |
(ऐं० धीरामचरितजी उपाप्याय) र्स्द
१२५: केसे झाऊँ द्वार । (श्री तरक्की) द०१
१५ ३नतुन्नसी। (श्रीअवन्तविदारीजी साथुर चिवस्स ) 2०
$श-सक्तमावना । (श्री 'रसिकेन्द्र जी) २१३
१४-तुलसीवन्दना । (श्री योगेन्द्र शर्मा) ३२१
१६८-रामायणक रचयिता ]
(कु० श्रीप्रतापनारायणज़ी पुरोहित क्िरत्न) ३२२
१६१ तुलसीस्थूति | (पं ० श्रीशान्तिप्रियजी द्विवेदी? ३२३
१६२ रासकया सुरजों क-नसैनी ।
( पं० लचमीचन्द्जी श्रोचिय ) '** डम
१६३ -पतितोद्धारक तुलसी 1
(पं० शरपेसनारायणजी न्रिपाडी 'प्रेस ) '' 2325
१द४-राम | (पं० गंगादिप्शुजी पारटेय,
चिद्या भूषण 'विष्गु') डध२
१६४३ -रामचरितमानस-कवि तुलसी ।
(श्रीविन्दु अह्मचारीजी ) ** गा झभ्ष
१६६ -मानसकी महत्ता ।
(विद्यार्थी श्रीमदेशप्रसादजी मिश्र 'रलिकेश') ३६८४
१६७-राम। (पं० भगवती प्रसाइजी शिपाठी विशारद
एम० ए०, एल-एल-बी ०) ** एड
पृष्ठ सेर्यां
१६ ८- रामजन्सकी प्रतीक्षा ( श्रीमालादीनजी शुक्त,
साहित्यशास्त्री, काच्यभूषगा ) *** छ१७
$८ ४ -रसने (भक्ति-गान) । (कवीन्द्र 'रसिकेन्द्रजी ) ४२४
५७० लुलसी-काव्य । (श्रीदामों दरसहायसिंहजी
'करविकिकर' एल ० दी०) *** भडडे,
4८१ - दोनों खोकों का पन््थ | (श्री झजुनदासजी केडिया) ४४२
५७२ --बरसाये देत । (पं० जगज्ञाथप्रसादजी ट्िबेदी) ४ #८
१७६: तुझे भ्रपंण करे । (श्रीताराचन्द्जा परइया
बी० ए० “चन्द्र ) कर
१७४- घराथना . ('क्चिन) ्कच्ड
संग्रहीत
(६ उ-समायण । (महात्मा राँघीजी) जि
4७६ -रामचन्दर मंगल करें । (स्व० पं ०साघवप्रसादजी
मिश्र मी सुदर्श न-सस्पादक) डक न
१७७ रासायणकी विशेषता ।
(कविसच्रादू श्रीरेवीन्द्रलाथ ठाकुर) १८
९७८-रामायणसे स्वाध॑परनाका नागा |
(स्व० श्रोवड्लिमचन्द्र चढ़ोपाध्याय) १८
१७६-रामायरमें गेलिदासिक लघ्य 3
( डा एच डदल्यू० बेज्ञी, सी ० एस० छाई ०) १8३
१८०-रामायण सर्वा्य सहाकाव्य हैं ! ,सोरीखिया) २१०
इ८१५- रामायणसे उच्च भावोंका प्रादुर्भाव ।
( झीफिय--समायणके झनुवादक ) रह
इद९- रामायणर्म रस । (विघ) ' *** र३३
१८६ -रामायणुस परम्पर सहानुभूतिकी बूद्धि । (म्रीव्स ) २७०
३८४ -रामायणसंकीर्तनमा ला पद ! हब
१८४ - संक्षिप्त रामचरितमाला पथ ।
(श्रीमन्नटेश्चर यौगीन्ट्रजी) **' ''' श्न्
इ८र-रामाययकी शोर अधिक झाकपण
(नेन्नसन -निश्वकोप रघपिता)
4८७: रामायया नेसरिक काव्य है |
(झोमन: इस्डियन पपिक्सके रचयिता) ' स्६४
बस: रामायण सगूया ईश्वर |
(डा० सर जाज॑ ग्रियर्सन) * न हर
१८६- झमर कान्य ) ः
(स्वर्गीय जश्ट्सि डी० बी० शेपसिरि श्रयर)
1६०५--राम अटल रहे। (मददात्मा गाँघीजी) ४५४२
$8१-रामचरितमानस 1(.. ,, हु... हर
१8 २- श्रीराम-नामस | (1. द
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