ब्र॰ पंडित चन्दाबाई अभिनन्दन ग्रन्थ | Br Pandit Chandrabai Avinandan Granth

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Br Pandit Chandrabai Avinandan Granth  by श्रीमती सुशीला सुलतानसिंह जैन - Smt. Susheela Sulataansingh Jain

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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प्रकाशकीय मुख पर साधना की धनी रेखा प्रौर गंमीर शाँखों से सबको भूलकर सेवा करने को निरणि- मान-मरी साथ; जीवन का कर्मेमय फेलाव भौर वस्त्र में सादगी; माथे में श्ागम-पुराण, शान-विज्ञान भर हृदय में वात्सल्य का 'तुनुक-तार', प्रेरणाधों का एक बण्डल, एकान्त की गायिका भौर विहार की सबसे बड़ी मारी । ध्मंसिवा भर शिक्षा इस भ्द्भुत नारी के विकास स्तम्भ है । धर्म उसका साधना-संघान है, सेवा उसकी बृत्ति भ्रौर शिक्षा उसके सरस जीवन के निशेष झाप्रह की तपःसिद्ध व्याख्या । भर इसका प्रमिनन्दन' ? यह सबसे भ्लग है । यहाँ 'माँ' की भारती उत्तारी गई है जिसकी स्फटिक-ज्योति में 'देवि स्वेभूतेष' का स्वरूप बिस्वित हो उठा है । भौर इस मा के श्ात्मिक दास की कृतजता की अपेक्षा समझी गयी जब हतप्रभ जैँन-नारी - समाज इनकी सेवाशों से भ्राग्यायित हो उठा, उसकी श्रद्धा परवान चढ़ गयी । हमें इसका दुःख है यह प्रन्थ पहले ही माँधी ब्र ० पं ० चन्दाबाई की नारी -समाज की झथक सेवाश्रों के मूल्याषन के रूप में निकल जाना चाहिये था । पर इसे दुख मी के से कहें--समाज का हृदय तो सदंव मां की सेवाझो की रंग-बिरगी प्यालियों में झपना चिरसचित श्रद्धासिनन्दन डुबो -डुबो अपनी विद्युत्‌-दयूति तूलिका से युग पर होले-हौले 'माँ' का चित्र आंकता रहा है । अप्रैल सन १६४८ की बात है । झ० भा० दि० जन महिला-परिषद्‌ के ३१ वे झधिवेशन में २० ध्रप्रैल को इस संकल्प को प्रस्तावित रूप मिला । श्रीमती सुधीला देवी (घ० प० सुल्तान सिंह) का प्रस्ताव निम्न रूप में भारित हुआ :-- “अं भा० दि० जन महिला -परिषद प्रस्ताव करती है कि माननीया श्रीमती ब्र० पं० चन्दाबाई जीने जैन महिला-समाज की जो झकथनोय सेवा की है, उसके श्रभिनन्दन के लिये उन्हें एक ऐसा प्रन्थ भेट किया जावे, जिसमें उनके जीवन एवं कार्गो से सम्बन्ध रखने बाली बातों के धतिरिक्त वर्तमान महिला - समाज के लिये उपयोगी लेखों का संग्रह हो ।” इस प्रस्ताव को सभी ब्यस्तताओओं के रहते हुए भी अबिलम्च सक्रीय रूप में ढाला गया । इस कार्य में एक कर्ममय उल्लास की झलक थी, थी प्रेम भर श्रद्धा की गहराइयाँ । सवेप्रचम झाठ गणमान्य व्यक्तियों का सम्पादन परासश मण्डल बना जिसके प्रधान संयोजक श्रीब्ावू कामता प्रसाद सिवृक्त हुए । ये श्ाठ सज्जन थे :-- च्




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